---विज्ञापन---

Religion

लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उस जल का क्या करें? प्रेमानंद महाराज से जानें

आज के समय में ऐसे बहुत से भक्त हैं जो अपने घर में लड्डू गोपाल रखते हैं और उनकी छोटे बच्चे के समान सेवा करते हैं। वे उन्हें मनपसंद भोजन बनाकर खिलाते हैं, सुंदर वस्त्र पहनाते हैं और रोजाना स्नान कराते हैं। ऐसे ही एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से सवाल किया कि लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद बचे हुए जल का क्या करें। तो आइए जानते हैं कि इस विषय पर महाराज ने क्या उत्तर दिया।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 9, 2025 13:39

Premanand Maharaj Viaral Video: लड्डू गोपाल की सेवा आजकल हर कोई करना चाहता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि लड्डू गोपाल भगवान को स्नान कराना हर भक्त के लिए बहुत ही पवित्र कार्य होता है। बहुत से ऐसे लोग हैं जो लड्डू गोपाल के बचे स्नान जल को पेड़ में डाल देते हैं तो कुछ लोग इसे अपने घर में छिड़कते हैं ताकि घर का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक बना रहे। इसी तरह एक सवाल एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से किया कि लड्डू गोपाल को स्नान के समय जो जल बचता है उसका क्या करना चाहिए। इस सवाल को सुनकर महाराज ने बहुत ही सहजता से उत्तर देते हुए क्या कहां आइए जानते है।

महाराज का उत्तरट

इस प्रश्न को सुनकर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जब हम भगवान का स्नान कराते हैं तो वह जल साधारण नहीं रहता वह चरणामृत बन जाता है। यह जल भगवान के शरीर को स्पर्श करता है जिससे उसमें दिव्यता और शक्ति समाहित हो जाती है। अगर आप लड्डू गोपाल या किसी भगवान को स्नान कराते हैं तो आपको बचे हुए जल को अपने माथे से लगाना चाहिए। इसके बाद या तो उसे माता तुलसी के
पेड़ में डाल दें या किसी पात्र में भरते जाएं और जब वह पात्र पूरा भर जाए तो उसे आस-पास की पवित्र नदी, जैसे गंगा या यमुना में मिला दें। या फिर ऐसे किसी पेड़ में डालें जहांं पैर न पड़ते हों। लेकिन कोशिश करें कि या तो माता तुलसी के पेड़ में डालें या किसी पात्र में भरकर रखें।

---विज्ञापन---

महाराज कहते हैं कि जब हम भगवान का स्नान कराते हैं तो वह जल साधारण नहीं रहता, वह चरणामृत बन जाता है। इस जल में दिव्यता और शक्ति समाहित हो जाती है। प्रेमानंद महाराज भी यही उपदेश देते हैं कि भगवान के स्नान जल का उपयोग श्रद्धा और भक्ति के साथ करें क्योंकि यह जल आपके जीवन में सुख, शांति और भक्ति का संचार करता है।

---विज्ञापन---

प्रेमानंद महाराज का यह भी कहना है कि अगर कोई बीमार व्यक्ति हो तो उस अभिषेक जल को थोड़ा-सा उन्हें भी दिया जा सकता है, जिससे उन्हें मानसिक और आध्यात्मिक बल प्राप्त हो। यह जल सिर्फ जल नहीं होता यह भगवान की कृपा का स्वरूप होता है, इसलिए इसका अपमान नहीं करना चाहिए।

ये भी पढ़ें- नया काम शुरू करने से पहले क्या उसके बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए? जानें इस सवाल पर क्या बोले प्ररेमानंद महाराज

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

First published on: May 09, 2025 01:38 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें