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क्या गंगा में सिक्का फेंकने से मिलता है पुण्य? जानें इस सवाल पर क्या बोले प्रेमानंद महाराज?

बहुत से ऐसे लोग हैं जो गंगा, यमुना में सिक्का जरूर फेंकते हैं और उन्हें लगता है कि उन्हें इसका पुण्य मिलता है लेकिन ऐसा नहीं है। आइए गहराई से जानते हैं प्रेमानंद महाराज इस विषय पर क्या बताते हैं?

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Apr 27, 2025 16:27

Premanand Ji Maharaj Viral video: गंगा नदी को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। सदियों से लोग गंगा में सिक्के फेंक कर पुण्य प्राप्ति की कामना करते आए हैं। लेकिन समय के साथ कई बार सवाल उठता है कि क्या सच में गंगा में सिक्का फेंकने से पुण्य मिलता है या यह मात्र एक परंपरा बनकर रह गई है? हाल ही में एक सत्संग के दौरान एक श्रद्धालु ने इसी जिज्ञासा को लेकर प्रेमानंद महाराज से यह सवाल पूछा।

प्रेमानंद महाराज जो अपने गहन ज्ञान और सरल भाषा में सत्य को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं ने इस प्रश्न का अत्यंत स्पष्ट उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि गंगा में सिक्का फेंकने की परंपरा सही नहीं है। गंगा में सिक्का फेंकने से कुछ नहीं होता है। अगर कुछ करना ही है और पुण्य कमाना ही है तो आप किसी जरूरतमंद को कपड़े दीजिए या तो अगर एक-एक रुपए डालने ही हैं तो गुल्लक में जोड़कर पैसे इकट्ठा करके गाय को चारा खरीदकर खिला दीजिए या फिर किसी को भोजन खिला दीजिए। सिक्के डालना सही हल नहीं है। ऐसा करने से आपको पुण्य की प्राप्ति होगी।

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प्रेमानंद जी ने यह भी समझाया कि अंधविश्वास के चलते आज लोग सिक्के फेंक कर उसे केवल पुण्य प्राप्ति का साधन मान बैठे हैं जबकि असल में पुण्य सेवा, सच्ची भावना और स्वच्छता के माध्यम से अर्जित किया जाता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प लें और पुण्य कमाने के लिए वास्तविक सेवा कार्य करें। इस प्रकार प्रेमानंद महाराज ने गंगा में सिक्का फेंकने की परंपरा के पीछे छुपे विज्ञान और धर्म दोनों पहलुओं को उजागर करते हुए समाज को एक जागरूक संदेश दिया। जिससे लोग गंगा में सिक्के ड़ालने से अच्छा किसी जरूरत मंद की मदद करें।

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गंगा स्नान का महत्व

  • गंगा में स्नान करने से शरीर के साथ-साथ आत्मा की भी शुद्धि होती है। यह मनुष्य के मन, हृदय और आत्मा को पवित्र करता है जिससे वह मानसिक शांति प्राप्त करता है।
  • प्रेमानंद महाराज के अनुसार, गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • गंगा को मां का दर्जा दिया गया है और उसका पवित्र जल मोक्ष और सद्गति के लिए लाभकारी होता है।
  • गंगा का पानी विशेष रूप से शारीरिक स्वच्छता के लिए माना जाता है।
  • गंगा स्नान से शरीर के अंदर की बीमारियां और नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।
  • गंगा स्नान से मानसिक तनाव कम होता है और मनुष्य को मानसिक शांति मिलती है। यह व्यक्ति को मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

ये भी पढ़ें-मेहनत या भाग्य, जीवन में सफल होने के लिए क्या है जरूरी? जानें प्रेमानंद महाराज से

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

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First published on: Apr 27, 2025 04:08 PM

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