Phulera Dooj 2025: सात फेरों में भले ही राधा-कृष्ण एक साथ न हों, लेकिन दिल से हमेशा दो एक दूसरे के साथ हैं। दुनिया भर में राधा-कृष्ण की जोड़ी का उदाहरण दिया जाता है। हर कोई उनके जैसा प्यार करने वाला अपने पार्टनर में तलाशता है। राधा की तरह कृष्ण को प्यार करने वाली पत्नी सभी चाहते हैं। जबकि, कन्हा जैसे प्रमी की तलाश भी हर लड़की को रहती है। अगर आप भी राधा कृष्ण के प्रेम के दीवाने हैं और अपने पार्टनर के साथ ऐसा ही प्यार चाहते हैं तो फुलेरा दूज पर खास उपाय अपना सकते हैं। आइए फुलेरा दूज की पूजा विधि और दांपत्य जीवन सुखमय बनाए रखने के खास उपाय जानते हैं?
फुलेरा दूज कब है?
पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फुलेरा दूज होता है। 1 मार्च, शनिवार को फुलेरा दूज है। तिथि और शुभ मुहूर्त की बात करें तो 1 मार्च को 3 बजकर 16 मिनट पर द्वितीया तिथि की शुरुआत होगी। जबकि, समापन 2 मार्च को रात 12 बजकर 9 मिनट को होगा। ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 05:7 बजे से 05:56 बजे तक रहेगा। अमृत काल का समय सुबह 04:40 बजे से 06:06 बजे तक रहेगा।
फुलेरा दूज की पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें।
- साफ-सुथरे कपड़े धारण करें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- राधा-कृष्ण को स्नान करा दीजिए।
- गंगाजल, दूध, दही, जल और शहद से स्नान करा दें।
- राधा-कृष्ण को नए कपड़े पहना दीजिए।
- ताजे फूल, अबीर, मिठाई चढ़ा दीजिए।
- तुलसी दल अर्पित करना न भूलें।
- धूप, दीपक दिखाकर पूजा-अर्चना कर लीजिए।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप भी कीजिए।
दांपत्य जीवन में आएगी खुशहाली!
राधा कृष्ण के प्रेम की तरह जीवनसाथी के साथ प्यार बढ़ाना चाहते हैं तो फुलेरा दूज के दिन पूजा विधि को अपनाने के साथ कुछ उपाय अपना सकते हैं। फुलेरा दूज के दिन पति-पत्नी एक साथ राधा-कृष्ण की पूजा करें। “राधा कृष्ण” के नाम का जाप करें।
- फुलेरा दूज के दिन गुलाबी रंग के कपड़े धारण करें।
- भगवान कृष्ण और राधा जी को गुलाल अर्पित करें और माथे पर लगाएं।
- पति-पत्नी अपने बेडरूम के पलंग पर गुलाबी रंग का धागा बांध दें।
- विवाहित महिलाएं राधा जी को सुहाग की सामग्री अर्पित करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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