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Paush Month 2025: पौष माह को कहते हैं ‘छोटा पितृपक्ष’, इन विशेष तिथियों पर करें श्राद्ध, मिलेगी पितृदोष से मुक्ति

Paush Month 2025: साल 2025 में पौष माह 5 दिसंबर से शुरू होगा. इस माह को छोटा पितृपक्ष भी कहते हैं. इस दौरान श्राद्ध, दान और तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. आइए जानते हैं, इस माह में कौन-सी तिथियां और कौन-से उपाय पितृदोष को दूर करने सहायक हैं?

Author Written By: Shyamnandan Updated: Dec 4, 2025 14:45
Paush-Month-2025

Paush Month 2025: साल 2025 में पौष माह 5 दिसंबर से शुरू होगा. यह मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन आरंभ होता है. इस माह का नाम चंद्रमा के पुष्य नक्षत्र में रहने के कारण पौष रखा गया है. हिन्दू धर्म में इसे छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है. इस दौरान किए गए श्राद्ध, दान और तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन के कष्ट कम होते हैं. आइए जानते हैं, इस माह में पितृ पक्ष की महत्वपूर्ण तिथियां क्या हैं और पितृ दोष निवारण के लिए कौन-से उपाय करने चाहिए?

पितृ पक्ष की महत्वपूर्ण तिथियां

पौष माह में संक्रांति, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन पितरों की पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है. इन दिनों पितरों को याद करना और उनका सम्मान करना अत्यंत शुभ होता है.

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छोटे उपाए, बड़े लाभ

पौष माह का पितृ पक्ष केवल धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह जीवन में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाने का अवसर है. साधारण उपाय जैसे तर्पण, दान और सूर्योपासना न केवल पितरों को संतुष्ट करते हैं, बल्कि घर और परिवार में सौभाग्य और समृद्धि भी बढ़ाते हैं.

पितृ दोष निवारण के उपाय

पीपल के पेड़ के नीचे दीपक: काले तिल डालकर दीपक जलाएं और पेड़ की परिक्रमा करें. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं.
ब्राह्मणों को भोजन कराएं: उन्हें भोजन और दक्षिणा, वस्त्र दान दें. इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है.
पितृ स्तोत्र का पाठ: श्रीमद् भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ करना लाभकारी है.
सप्ताहिक उपाय: शनिवार को काले कुत्ते को उड़द की रोटी खिलाएं. काली चींटी और अन्य पशु-पक्षियों को भोजन दें.
दैनिक तर्पण विधि: जिनके माता-पिता नहीं हैं, उन्हें रोज एक लोटा जल में दूध और तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तर्पण करना चाहिए.

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खरमास में करें सूर्य उपासना

पौष माह में सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं. इसलिए यह महीना खरमास कहलाता है. इस समय मांगलिक कार्यों पर कुछ रोक होती है. लेकिन माह में सूर्य को अर्घ्य देने से बल, बुद्धि, विद्या, यश और धन की प्राप्ति होती है. ज्योतिषियों के अनुसार इस माह में पितरों को पिंडदान करने से उन्हें वैकुंठ की प्राप्ति होती है.

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First published on: Dec 04, 2025 02:45 PM

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