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Onam 2024: 10 दिनों का ओणम पर्व कब से शुरू? क्या है महत्व और मान्यता

Onam: साल 2024 में 6 सितंबर से लेकर 15 सितंबर तक ओणम का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान भगवान विष्णु और राजा बलि की उपासना करना शुभ माना जाता है। चलिए जानते हैं ओणम का त्योहार क्यों और कैसे मनाया जाता है।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Sep 2, 2024 14:11
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Onam 2024
ओणम 2024

Onam 2024: ओणम के पर्व का दक्षिण भारत के लोगों के लिए खास महत्व है। ये त्योहार एक या दो नहीं बल्कि 10 दिन तक चलता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ओणम का त्योहार दानवीर राजा बलि के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु जी और महाबली की पूजा करना शुभ माना जाता है। वहीं कुछ लोग खेतों में अच्छी फसल आए, इसके लिए भी ओणम का त्योहार मनाते हैं।

मलयालम भाषा में ओणम को थिरुवोणम नाम से जाना जाता है। इस बार इस पर्व की शुरुआत 6 सितंबर 2024 से हो रही है, जिसका समापन 15 सितंबर 2024 को होगा। 15 सितंबर को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:51 से लेकर दोपहर 12:41 मिनट तक है। चलिए जानते हैं ओणम पर्व के 10 दिन के महत्व के बारे में।

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राजा बलि के स्वागत में मनाया जाता है पर्व

वामन जी भगवान विष्णु के अवतार थे, जिन्होंने राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगी थी। राजा बलि ने दो पग में धरती और पाताल-स्वर्ग को नाप लिया था। तीसरा पग रखने के लिए उन्होंने भगवान से पूछा कि, मैं तीसरा पग कहां रखूं, तो इस पर राजा बलि ने कहा कि मेरे सिर पर रख दीजिए प्रभु। ये सुनते ही भगवान प्रसन्न हुए और राजा बलि को अमर का वरदान दे दिया। इसी के साथ उन्हें पाताल लोक का राजा भी बना दिया। कहा जाता है कि राजा बलि हर वर्ष पृथ्‍वीलोक पर मौजूद अपने शहर को देखने आते हैं। इसी कारण उनके स्वागत में ओणम का पर्व मनाया जाता है।

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Onam 2024

ओणम के 10 दिन का महत्व

पहला दिन- अथम: ओणम के पहले दिन लोग जल्दी उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद मंदिर जाकर विधिपूर्वक भगवान की पूजा करते हैं। नाश्ते में खासतौर पर केले से बने पापड़ खाए जाते हैं। इसके बाद लोग घर में ओणम पुष्प कालीन बनाते हैं।

दूसरा दिन- चिथिरा: इस दिन महिलाएं पुष्प कालीन में नए फूल लगाने का काम करती हैं।

तीसरा दिन- विसाकम: इस दिन ओणम के पर्व के लिए खरीदारी की जाती है।

चौथा दिन- विसाकम: इस दिन फूलों का कालीन बनाने की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। साथ ही अचार और आलू के चिप्स बनाए जाते हैं।

पांचवां दिन- अनिजाम: इस दिन नौका दौड़ नामत प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।

छठा दिन- थिक्रेता: इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

सातवां दिन- मूलम: इस दिन घरों में स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं।

आठवां दिन- पूरादम: इस दिन मिट्टी से पिरामिड आकार की मूर्तियां बनाई जाती हैं, जिसे मां कहा जाता है।

नौवां दिन- उथिरादम: इस दिन लोग राजा महाबलि के आने के इंतजार में अपने घरों को सजाते हैं।

दसवें दिन- थिरुवोणम: ओणम के 10वें दिन पुष्प कालीन बनाई जाती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Nidhi Jain

First published on: Sep 02, 2024 02:11 PM

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