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Mithun Sankranti Puja: आज मिथुन संक्रांति पर इन 5 मंत्रों से करें सूर्य की आराधना, स्वास्थ्य लाभ और धन-धान्य में होगी बरकत

Mithun Sankranti Puja: आज रविवार 15 जून, 2025 को प्रातः 6:52 AM पर सूर्यदेव मिथुन राशि में प्रवेश कर चुके हैं, जिसे 'मिथुन संक्रांति' कहा जाता है। इस दिन सूर्य आराधना और भी विशेष फलदायी मानी जाती है, विशेषकर जब यह दिन रविवार हो। आइए जानते हैं, मिथुन संक्रांति के पावन अवसर पर किन प्रभावशाली मंत्रों से सूर्य देव की आराधना की जाती है और किन वस्तुओं का दान करने से आरोग्य, समृद्धि और पुण्यफल की प्राप्ति होती है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shyamnandan Updated: Jun 15, 2025 08:24
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Mithun Sankranti Puja: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब ग्रहों के स्वामी सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं, तो यह खगोलीय घटना ‘मिथुन संक्रांति’ कहलाती है। हिन्दू धर्म में प्रत्येक सूर्य संक्रांति पर सूर्य आराधना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि यदि इस दिन सूर्यदेव की उपासना यदि पूरे मनोभाव से की जाए तो न केवल आरोग्य और स्वास्थ्य लाभ का वरदान मिलता है, बल्कि घर-परिवार में धन-धान्य की बरकत तेज होती है।

आज रविवार 15 जून, 2025 को 6 बजकर 52 मिनट पर सूर्यदेव मिथुन राशि में गोचर कर चुके हैं। मिथुन राशि में सूर्य गोचर रविवार को होने से इस संक्रांति का प्रभाव और उत्तम फल देने वाला बताया जा रहा है, क्योंकि रविवार का दिन भगवान सूर्य की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। आइए जानते हैं, आज के दिन किन शुभ और प्रभावकारी मंत्रों से सूर्य आराधना से सूर्य देव को प्रसन्न कर सकते हैं और किन चीजों का दान करने से पुण्यलाभ प्राप्त होता है?

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ॐ सूर्याय नमः

इस मंत्र का अर्थ है: ‘मैं सूर्य देव को प्रणाम करता हूँ।’

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यह एक सरल लेकिन शक्तिशाली बीज मंत्र है जो ऊर्जा, स्वास्थ्य और सकारात्मकता को बढ़ाता है।

ॐ घृणि: सूर्याय नमः

इस मंत्र का अर्थ है: ‘हे तेजस्वी सूर्य देव! आपको नमस्कार है।’

यह मंत्र सूर्य की दिव्य शक्ति को आह्वान करता है। यह नेत्र रोगों, थकावट, और आलस्य को दूर करने में सहायक है।

ॐ भास्कराय नमः

इस मंत्र का अर्थ है: ‘मैं प्रकाश प्रदान करने वाले भास्कर देव को नमन करता हूँ।’

यह मंत्र जीवन में स्पष्टता, निर्णय क्षमता और आंतरिक ज्ञान लाने के लिए उपयोग किया जाता है। छात्रों और निर्णय लेने वाले लोगों के लिए उपयोगी।

ॐ ह्रीं ह्रौं सूर्याय नमः

यह सूर्य देव का बीज मंत्र है और इसका जाप करने से आत्मविश्वास, ऊर्जा, शक्ति और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ 

इस मंत्र का अर्थ है: ‘हम उस परम दिव्य प्रकाश (सूर्य देव) का ध्यान करते हैं, जो इस भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों लोकों का स्रोत है। वह देवता जो परम तेजस्वी और प्रकाशमान है, हमारी बुद्धि और ज्ञान को प्रकाशित करे और हमें सही मार्ग दिखाए।’

यह सूर्य गायत्री मंत्र है, जो बेहद शक्तिशाली है और सभी प्रकार की साधनाओं में अत्यंत महत्वपूर्ण है और मन, बुद्धि, और आत्मा को शुद्ध करता है।

मिथुन संक्रांति पर करें ये पुण्यदायी दान

गेहूं और गुड़ का दान

सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए गेहूं और गुड़ का दान अत्यंत शुभ माना जाता है। इनका दान आरोग्यता, जीवन में ऊर्जा, और आत्मबल की प्राप्ति कराता है।

तांबे के पात्र का दान

तांबा सूर्य से संबंधित धातु है। तांबे के लोटे, कलश या कटोरी का दान करने से कुंडली में सूर्य दोष शांत होता है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

लाल वस्त्र का दान

लाल रंग सूर्य का प्रतीक है, जो ऊर्जा, उत्साह और सौभाग्य का प्रतिनिधित्व करता है। किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद को लाल वस्त्र दान करने से यश, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

जल से भरे घड़े का दान

गर्मी के मौसम में प्यासे जीवों के लिए जलदान सर्वश्रेष्ठ पुण्य कार्य माना गया है। मिथुन संक्रांति के दिन जल से भरा कलश या मटका दान करने से पितृ दोष का निवारण होता है और घर में शांति तथा समृद्धि आती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 15, 2025 08:24 AM

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