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Mrityu Panchak 2024: सावधान! दिसंबर के ये 5 दिन हैं बेहद अशुभ, भूलकर इस दौरान न करें ये 5 काम!

Mrityu Panchak 2024: हिन्दू धर्म में पंचक या पचका 5 दिनों एक खास अशुभ अवधि होती है, जिसके दौरान कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी है। हालांकि, घबराने की कोई जरूरत नहीं है। दिसंबर में जो पंचक लगने वाला है, वह 'मृत्यु पंचक' है, जो सभी पंचकों में सबसे अनिकष्टकारी माना गया है। आइए जानते हैं, मृत्यु पंचक क्या है, यह कब से कब तक है और इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Dec 4, 2024 22:57
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Mrityu Panchak 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, दिसंबर 2024 के महीने के 5 दिन बेहद अशुभ हैं, क्योंकि ये पंचक के साये में गुजरने वाले हैं। शास्त्रों के अनुसार, पंचक काल को अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। इस दौरान कुछ विशेष कार्य करने से बचना चाहिए। दिसंबर में जो पंचक लगने वाला है, वह ‘मृत्यु पंचक’ है, जो सभी पंचकों में सबसे अनिकष्टकारी माना गया है। आइए जानते हैं, मृत्यु पंचक क्या है, दिसंबर में यह कब से कब तक है और इस दौरान क्या नहीं करना और क्या करना चाहिए?

क्या है मृत्यु पंचक?

हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पंचक नक्षत्रों का एक ऐसा संयोग होता है, जिसे अशुभ माना जाता है। चूंकि इस बार पंचक शनिवार से शुरू हो रहा है, इसलिए इसे मृत्यु पंचक कहा जाता है। शनिवार के दिन को पहले से ही शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है और पंचक के साथ जुड़ने पर इसका प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है। यह पंचक मृत्यु के समान कष्ट देता है, यही कारण है कि इसे मृत्यु पंचक कहते हैं। मृत्यु पंचक में बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है, जिसके कारण व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों का सामना करता है।

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कब से कब तक मृत्यु पंचक?

यह पंचक 7 दिसंबर, शनिवार से शुरू होकर 11 दिसंबर, बुधवार तक रहेगा। 7 दिसंबर को मृत्यु पंचक की शुरुआत सुबह 5 बजकर 7 मिनट से शुरू होगा और 11 दिसंबर को दिन में 11 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगा।

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पंचक आरम्भ: 7 दिसंबर, 2024 को 05:07 AM बजे (शनिवार)
पंचक अंत: 11 दिसंबर, 2024 को 11:48 AM बजे (बुधवार)

मृत्यु पंचक का असर क्या होता है?

शास्त्रों के अनुसार, पंचक के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। इस दौरान व्यक्ति मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशान रह सकता है। ज्योतिषविद कहते है कि मृत्यु पंचक की अवधि में कोई भी जोखिम कार्य नहीं करना चाहिए. इससे मुसीबत में पड़ने की संभावना अधिक रहती है. इस अशुभ काल की चपेट में आने से दुर्घटना, चोट, वाद-विवाद या लड़ाई-झगड़ा आदि होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर किसी की मृत्यु पंचक में मृत्यु हो जाए तो शव के साथ कुश या आटे की पांच पुतलियों का भी अंतिम संस्कर करना जरूरी होता है.

मृत्यु पंचक के दौरान क्या सावधानियां बरतें?

शुभ कार्य टालें: पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य शुरू न करें। जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, यात्रा आदि।

दक्षिण दिशा की यात्रा से बचें: पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करना अशुभ माना जाता है।

नया काम शुरू न करें: कोई भी नया काम शुरू करने से बचें।

घर में मरम्मत कार्य न करवाएं: घर में कोई भी मरम्मत कार्य न करवाएं।

ये न खरीदें या जमा करें: लोहा या लकड़ी की खरीदारी करने या इन्हें इकट्ठा करना वर्जित होता है.

साथ ही, इस दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहें और सकारात्मक रहें। ऐसे लोगों से दूर रहें, जो नेगेटिव थॉट्स रखते हैं या गलत काम करते हैं।

मृत्यु पंचक के दौरान क्या करें?

धार्मिक कार्य करें: पंचक के दौरान आप धार्मिक कार्य कर सकते हैं जैसे कि मंत्र जाप, पूजा पाठ आदि।

दान करें: दान करने से भी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है।

गरीबों की मदद करें: गरीबों की मदद करने से भी पुण्य मिलता है।

योग और ध्यान करें: योग और ध्यान करने से मन शांत रहता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Shyam Nandan

First published on: Dec 04, 2024 10:57 PM

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