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Masik Krishna Janmashtami 2024: 21 या 22 नवंबर, कब है मासिक जन्माष्टमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Masik Krishna Janmashtami 2024: हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है। हालांकि इस बार अष्टमी तिथि को लेकर थोड़ा कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं साल 2024 में 21 नवंबर या 22 नवंबर, किस दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखना शुभ रहेगा।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Nov 19, 2024 08:07
Masik Krishna Janmashtami 2024
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2024

Masik Krishna Janmashtami 2024: सनातन धर्म के लोगों की खास आस्था भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी है। श्रीकृष्ण के प्रति अपने प्रेम और आस्था को व्यक्त करने के लिए साधक उनकी पूजा करते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए  उनकी मनपसंद चीजों का भोग लगाते हैं। इसके अलावा कई लोग श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत भी रखते हैं।

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण के साथ-साथ राधा रानी की पूजा करने से साधक को देवी-देवताओं से मनोवांछित फल मिलता है। साथ ही जीवन में धन, खुशी, सुख और शांति का वास होता है। चलिए जानते हैं साल 2024 में नवंबर माह में किस दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा। साथ ही आपको श्रीकृष्ण की पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में भी पता चलेगा।

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नवंबर में कब है मासिक जन्माष्टमी?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 22 नवंबर 2024 को शाम 06:07 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 23 नवंबर 2024 को शाम 07:56 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर इस बार 22 नवंबर 2024, दिन शुक्रवार को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा।

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22 नवंबर 2024 के शुभ मुहूर्त

  • सूर्योदय- सुबह 06:50 मिनट
  • चंद्रोदय- रात 11:41 मिनट
  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 05:02 मिनट से लेकर 05:56 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:46 से लेकर दोपहर 12:28 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त- दोपहर में 01:53 मिनट से लेकर 02:35 मिनट तक
  • अमृत काल- दोपहर बाद 03:27 से लेकर शाम 05:10 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम में 05:22 मिनट से लेकर 05:49 मिनट तक

मासिक जन्माष्टमी की पूजा विधि 

  • व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
  • स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर में एक चौकी रखें। उसके ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • कपड़े पर श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापित करें।
  • मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें।
  • पंचामृत या गंगाजल से श्रीकृष्ण की मूर्ति को स्नान कराएं।
  • श्रीकृष्ण को नए वस्त्र पहनाने के बाद उनका श्रृंगार करें।
  • कृष्ण जी का रोली से तिलक करें।
  • तुलसी के पत्ते, माखन-मिश्री, फल और फूल भगवान को अर्पित करें। इस दौरान कृष्ण जी के मंत्रों का जाप करें।
  • अंत में आरती करके पूजा का समापन करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Nov 19, 2024 08:07 AM

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