Mahashivratri 2026 Date: महाशिवरात्रि 2026 Date: महाशिवरात्रि भगवान शिव की उपासना का सबसे शक्तिशाली और पावन पर्व है. हर वर्ष फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला यह उत्सव भक्ति, जागरण और आत्मशुद्धि का अवसर माना जाता है. इस दिन शिवभक्त व्रत रखते हैं और रातभर शिव नाम का स्मरण करते हैं. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और भक्ति से मन में शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. मान्यता है कि इस दिन की गई साधना और पूजा से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती है. आइए जानते हैं, साल 2026 में महादेव आराधना का महापर्व महाशिवरात्रि कब है और शिव-पार्वती पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त क्या है?
महादेव-पार्वती विवाह दिवस
कथा है कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का दिव्य विवाह हुआ था. यह दिवस शक्ति और शिव के पवित्र मिलन का प्रतीक माना जाता है. भक्त इस अवसर पर शिव-शक्ति के संतुलन को अपने जीवन में स्थापित करने का संकल्प लेते हैं. विश्वास किया जाता है कि इस दिन की पूजा आर भक्ति से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.
ज्योतिर्लिंग का प्राकट्य
पुराणों में वर्णित है कि इसी दिन भगवान शिव ने अनंत ज्योति के रूप में स्वयं को प्रकट किया था. इसी कारण शिवलिंग की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है. शिवलिंग जीवन, सृजन और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. कहते हैं, इस दिन की भक्ति से मानसिक शांति और आत्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है.
विषपान और नीलकंठ स्वरूप
एक अन्य कथा के अनुसार समुद्रमंथन के समय निकले कालकूट विष को भगवान शिव ने धरती की रक्षा हेतु ग्रहण किया. इसी से वे नीलकंठ कहलाए. इस घटना को साहस, संकल्प और त्याग का प्रतीक माना जाता है. भक्त इस दिन भगवान शिव की भक्ति से अपने कष्टों और परेशानियों से मुक्ति पाते हैं.
2026 में कब है महाशिवरात्रि?
द्रिक पंचांग के अनुसार, साल 2026 में फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 15 फरवरी, 2026 को 05:04 PM बजे होगा और इस तिथि का समापन 16 फरवरी को 05:34 PM बजे होगा. यह रात्रि का उत्सव है, इसलिए यह महापर्व साल 2026 में 15 फरवरी को मनाया जाएगा.
महाशिवरात्रि 2026 पूजा मुहूर्त
महाशिवरात्रि की पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय मध्यरात्रि माना गया है, जिसे निशिता काल कहा जाता है. 2026 में निशिता काल पूजा का समय 12:09 AM से 01:01 AM (फरवरी 16) तक है. इस प्रकार शिवभक्तों को मात्र 51 मिनट की अवधि मिल पाएगी. शिव-पार्वती पूजा के अन्य शुभ समय इस प्रकार है:
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: 06:11 PM से 09:23 PM
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 09:23 PM से 12:35 AM, फरवरी 16
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 12:35 AM से 03:47 AM, फरवरी 16
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 03:47 AM से 06:59 AM, फरवरी 16
आपको बता दें कि महाशिवरात्रि 2026 का पारण 16 फरवरी को सुबह में 06:59 AM से 03:24 PM तक किया जा सकता है.
पूजा और अनुष्ठान
व्रत और उपवास: इस दिन भक्त निर्जला या फलाहार व्रत रखते हैं. पूरा दिन भगवान शिव को याद करते हुए गुजारते हैं और रात में जागरण करते हैं.
शिवलिंग पूजा: शिवलिंग का अभिषेक दूध, दही, घी और शहद से किया जाता है. इससे भगवान की कृपा प्राप्त होती है और पाप नष्ट होते हैं.
मंत्र जाप: पूरे दिन और रातभर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करना बहुत शुभ माना जाता है.
बेलपत्र अर्पण: शिवलिंग पर बेलपत्र और शीतल जल चढ़ाना सबसे पवित्र अनुष्ठान है. इसे अर्पित करने से मन, तन और आत्मा शुद्ध होती है.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










