Mahakumbh 2025: सनातन धर्म के लोगों की महाकुंभ से खास आस्था जुड़ी है। हर 12 साल बाद कुंभ मेले का आयोजन किया है, जिसमें हर बार लाखों की संख्या में श्रद्धालुगण पहुंचते हैं। कुंभ में स्नान यानी डुबकी लगाने के साथ-साथ भक्तजन कड़ी तपस्या भी करते हैं। साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में करीब 144 साल बाद महाकुंभ का आयोजन किया गया है, जिसका आरंभ 13 जनवरी से हो गया है। प्रयागराज में 26 जनवरी 2025 तक महाकुंभ मेला चलेगा। माना जाता है कुंभ मेले में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
इस समय आत्मज्ञानी योगी सद्गुरु का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें वो महाकुंभ के महत्व के बारे में ही बता रहे हैं। साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि कुंभ में डुबकी लगाने से क्या सही में साधकों को कर्मों से छुटकारा मिलता है?
क्या डुबकी लगाने से धुल जाते हैं पाप?
सद्गुरु ने हर भारतीय से महाकुंभ जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, ‘करीब 144 साल बाद सूर्य और बृहस्पति के गोचर से ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन किया गया। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को महाकुंभ जाना चाहिए।’ इसी के आगे उन्होंने कहा, कुंभ में स्नान करने का मतलब ये नहीं है कि आप अपने सभी कर्मों को धो रहे हैं। एक दिन के लिए कुंभ जाने और वहां जाकर डुबकी लगाने से पाप नहीं धुलते हैं।’
डुबकी लगाने के साथ करें पूजा-पाठ
सद्गुरु का मानना है कि, ‘प्रत्येक व्यक्ति को कुंभ में कुछ समय के लिए रुकना चाहिए। महाकुंभ कुल 48 दिन तक चलेगा, जिस दौरान 6 शाही स्नान होंगे। यदि आप कुछ दिनों के लिए कुंभ जाते हैं और वहां पूजा-पाठ व संगम में डुबकी लगाते हैं, तो इससे आपको लाभ जरूर होगा।’ इसके आगे उन्होंने कहा, मानव शरीर का करीब दो-तिहाई हिस्सा पानी से भरा है। यदि आप महाकुंभ के दौरान संगम में खुद को डुबोते हैं, तो इससे आपके शरीर को भी फायदा होगा।
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भूत शुद्धि का महत्व
वीडियो के अंत में सद्गुरु कह रहे हैं कि, ‘कुंभ मेला भूत शुद्धि यानी Bhuta Shuddhi की प्रक्रिया है, जो योगिक विज्ञान की नींव है।’ बता दें कि पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश यानी पांच तत्वों से मिलकर शरीर बनता है, जिसके शुद्धिकरण की प्रक्रिया को भूत शुद्धि कहा जाता है। भूत शुद्धि एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे भौतिक शरीर, मन और ऊर्जा की क्षमता आदि का विकास होता है। साथ ही मन शांत रहता है और व्यक्ति खुद को मानसिक रूप से स्थिर महसूस करता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।