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Bhairavi Jayanti 2025: मां त्रिपुर भैरवी कौन हैं, कब मनाते हैं उनकी जयंती? इन लोगों को जरूर करनी चाहिए इस देवी की आराधना

Bhairavi Jayanti 2025: हिन्दू धर्म में मां त्रिपुर भैरवी की पूजा और उपासना व्यक्ति को अद्भुत साहस और सुरक्षा प्रदान करती हैं. आइए जानते हैं, साल 2025 में भैरवी जयंती कब है, धार्मिक-आध्यात्मिक महत्व क्या है और किन लोगों को इनकी पूजा जरूर करनी चाहिए?

Author Written By: Shyamnandan Author Published By : Shyamnandan Updated: Nov 27, 2025 09:51
Bhairavi-Jayanti-2025

Tripur Bhairavi Jayanti 2025: मां त्रिपुर भैरवी, जिन्हें त्रिपुर सुंदरी का उग्र या क्रुद्ध स्वरूप माना जाता है, हिन्दू धर्म की दश महाविद्याओं में से छठी महाविद्या हैं. यह देवी शक्ति और संहार की अधिष्ठात्री हैं. ‘त्रिपुर’ का अर्थ है तीन लोक या तीन अवस्थाएं यानी जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति अवस्था और ‘भैरवी’ का अर्थ है, भय को दूर करने वाली. देवी भैरवी रुद्र भैरवनाथ की शक्ति माना जाती हैं. उनका भैरवी रूप बेहद उग्र और प्रचंड है, जो स्वरूप में देवी काली से मिलता-जुलता है. देवी भैरवी भगवान भैरव की अर्धांगिनी हैं और भैरव स्वयं भगवान शिव का रौद्र तथा विनाशकारी रूप हैं.

हिन्दू धर्म में मां भैरवी तपस्या, ज्ञान और मुक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं. उनके एक हाथ में रक्त से भरा खप्पर और दूसरे हाथ में तलवार होती है, जो यह दर्शाता है कि वे न केवल भयानक हैं, बल्कि अपने भक्तों के सभी बंधनों और नकारात्मकताओं का नाश भी करती हैं. उनकी साधना से व्यक्ति को जीवन के भय और मोह से मुक्ति मिलती है, और वह परम ज्ञान की ओर अग्रसर होता है.

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कब मनाई जाती है भैरवी जयंती?

माँ त्रिपुर भैरवी की जयंती मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. यह दिन देवी की विशेष पूजा-अर्चना और साधना के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और उनकी कृपा पाने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं.

2025 में कब है त्रिपुर भैरवी जयंती?

द्रिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में त्रिपुर भैरवी जयंती गुरुवार, 4 दिसंबर को मनाई जाएगी.

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पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ: 4 दिसंबर 2025, सुबह 08:37 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 दिसंबर 2025, सुबह 04:43 बजे तक

चूंकि पूर्णिमा तिथि का उदयकाल 4 दिसंबर को हो रहा है, इसलिए इसी दिन जयंती का पर्व मनाया जाएगा. यह दिन सभी भक्तों के लिए भय पर विजय प्राप्त करने और आत्म-ज्ञान को जगाने का सुनहरा अवसर होगा.

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इन कष्टों से मिलती है मुक्ति

मान्यता है कि मां त्रिपुर भैरवी की कृपा प्राप्त होने पर जीवन में अनेक तरह की बाधाएं शांत होती हैं और अचानक आने वाले संकट और भय स्वतः दूर होने लगते हैं. आर्थिक अड़चनें धीरे-धीरे कम होने लगती हैं. उनकी उपासना साधक के भीतर गहरा आत्मविश्वास जगाती है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है. घर-परिवार में चल रही कलह और तनाव भी मां की कृपा से शांत होने लगते हैं. ऐसा कहा जाता है कि त्रिपुर भैरवी साधक को अदृश्य नकारात्मक शक्तियों और बाहरी बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करती हैं, जिससे जीवन में स्थिरता, साहस और मानसिक शांति का वास होता है.

इन लोगों को जरूर करनी चाहिए मां भैरवी की पूजा

जिन लोगों के जीवन में बार-बार असफलताएं सामने आ रही हों, या फिर मन में डर, अस्थिरता और मानसिक उलझनें बढ़ती जा रही हों
– जिनके कामकाज में लगातार रुकावटें आ रही हों, चाहे वह कोर्ट-कचहरी के मामले हों, नौकरी से जुड़े अड़चनें हों या व्यवसाय में बाधाएं आ रही हों.
– जो व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नज़र या किसी अदृश्य बाधा के प्रभाव से परेशान हों.
– जिन्हें बार-बार बुरे सपने आते हों, या किसी अनजाने भय की वजह से मन स्थिर न रह पाता हो.
– विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे साधकों के लिए भी यह साधना अत्यंत शुभ और पथप्रदर्शक मानी गई है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Nov 27, 2025 09:51 AM

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