Linga Bhairavi Mandir: तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित लिंग भैरवी का मंदिर भारत का पहला ऐसा मंदिर है, जहां पुजारियों के तौर पर महिलाएं नियुक्त की गई हैं। इस मंदिर की स्थापना ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु (जग्गी वासुदेव) ने की है। इस मंदिर का दर्शन करने की अनुमति स्त्री और पुरुष दोनों को है, लेकिन मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर देवी लिंग भैरवी की पूजा करने की अनुमति केवल महिलाओं को है। यह विशेषता इस मंदिर को देश के अन्य मंदिरों से अलग करती है।
विदेशी महिलाएं हैं पुरोहित
सद्गुरु (जग्गी वासुदेव) ने सदियों से चली आ रही परम्परा को ध्वस्त कर मंदिर में केवल महिलाओं को ही पुजारी बनाया है। इन महिला पुजारियों को ‘भैरागिनी मां’ कहकर बुलाया जाता है। केवल यही नहीं मंदिर के देखरेख और मेंटेनेंस की पूरी जिम्मेदारी भी महिलाओं के हाथ में है। इससे भी आश्चर्यजनक यह है कि पूजा और अनुष्ठान करने वाली पुजारियों में से अनेक महिलाएं विदेशी हैं। मंदिर में लगभग 10 महिला पुजारी हैं, जिनमें कुछ अमेरिका और फिलिस्तीन से हैं। सद्गुरु का मानना है कि यह नारी समानता और महिला सशक्तीकरण की ओर बढ़ा हुआ एक बेजोड़ उदाहरण साबित होगा। इससे महिलाओं में आत्म-गौरव बढ़ेगा और वे खुद पर पहले से ज्यादा भरोसा करने लगेंगी।
‘मासिक धर्म’ में भी मंदिर-प्रवेश की अनुमति
कोयंबटूर में स्थित लिंग भैरवी मंदिर कई मान्यताओं और धारणाओं को खारिज करता है। इसका सबसे बढ़िया उदाहारण है, महिलाओं को मासिक धर्म यानी पीरियड्स में मंदिर में प्रवेश की अनुमति। निश्चित तौर पर यह एक विशेष पहल है, क्योंकि भारत के किसी भी मंदिर में ऐसा करने की अनुमति नहीं।
कैसे पहुंचे लिंग भैरवी मंदिर
वर्जनाओं को तोड़ता और सामाजिक चेतना को झकझोरता यह मंदिर कोयंबटूर शहर से लगभग 30 किलोमीटर (20 मील) दूर पश्चिम में स्थित है। कोयंबटूर दक्षिण भारत का एक प्रमुख शहर है, यातायात के सभी साधनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। कोयंबटूर शहर से लिंग भैरवी मंदिर जाने के लिए बस, टैक्सी और ऑटो आसानी से मिल जाते हैं। लिंग भैरवी मंदिर हर पूर्णिमा की रात को आयोजित होने वाले शानदार देवी जुलूस के लिए प्रसिद्ध है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
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यहां भी स्थापित हैं लिंग भैरवी मंदिर
कोयंबटूर के अलावा यह मंदिर तमिलनाडु के सालेम और इरोड जिले के गोबी शहर में भी स्थापित है। लिंग भैरवी देवी का एक मंदिर नई दिल्ली में भी निर्मित किया गया है। जहां तक विदेश की बात है, तो इसका एक मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू में बनाया गया है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने या सुझाव को अमल में लाने पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।