---विज्ञापन---

Kalki Jayanti 2024: कब होगा भगवान कल्कि का जन्म? जानें विष्णुजी के 10वें अवतार का धार्मिक महत्व

Kalki Jayanti 2024: हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु का दसवां अवतार 'कल्कि' अभी होना बाकी है। इनकी जयंती सावन शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि यानी 10 अगस्त मनाई जाएगी। आइए इस पावन मौके पर जानते हैं, कब होगा भगवान कल्कि का जन्म और इसका धार्मिक महत्व क्या है?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Aug 8, 2024 11:03
Share :
Kalki-Jayanti-2024

Kalki Jayanti 2024: स्कंद पुराण के अनुसार, कल्कि भगवान हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से अंतिम अवतार माने गए हैं, जो अभी होना बाकी है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, कल्कि भगवान कलयुग के अंत में जब धरती पर पाप और अधर्म बहुत बढ़ जाएगा, तब अवतरित होंगे और धर्म की पुनः स्थापना करेंगे।

प्रत्येक साल सावन माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कल्कि की जयंती मनाई जाती है। साल 2024 में यह तिथि 10 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के भक्त उनके दसवें अवतार कल्कि की विधि-विधान से पूजा-उपासना करेंगे। आइए जानते है, कल्कि पूजा का महूर्त और इस अवतार का धार्मिक महत्व क्या है?

कल्कि जयंती 2024 पूजा मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि शनिवार 10 अगस्त को आधी रात के बाद 3 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन रविवार 11 अगस्त की सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि के आधार पर कल्कि जयंती 10 अगस्त को मनाई जाएगी।

जो साधक या साधिका इस तिथि को भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी, भगवान कल्कि और मां वैष्णो देवी की विधि-विधान से पूजा-उपासना करना चाहते हैं, वे अपराह्न बाद 4 बजकर 25 मिनट से शाम की 7 बजकर 5 मिनट तक कर शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं।

कलियुग के भगवान कल्कि महत्व

स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि का जन्म कलियुग में तब होगा, जब पाप, अधर्म, अनीति, अत्याचार और कुशासन अपने चरम पर होगा, लोग त्राहि-त्राहि कर रहे होंगे। यह समय कलियुग और सतयुग के बीच का एक समय होगा यानी यह ‘कलियुग-सतयुग संधिकाल’ होगा। भगवान कल्कि इस समय 64 कलाओं में माहिर होंगे यानी ज्ञान-विज्ञान, कला-साहित्य और राजनीति के धुरंधर जानकार होंगे। वे धरती को फिर पापमुक्त कर देंगे और धर्म की स्थापना करेंगे।

कहां होगा भगवान कल्कि का जन्म?

कल्कि पुराण और स्कंद पुराण में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि भगवान कल्कि का जन्म कब होगा, कहां होगा और उनके गुरु कौन होंगे। इन ग्रंथों के अनुसार भगवान कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल नामक स्थान पर होगा। उनके पिता का नाम विष्णुयश होगा, जो एक बेहद तपस्वी ब्राह्मण होंगे।

कौन होंगे भगवान कल्कि के गुरु?

भगवान विष्णु के छठे अवतार यानी भगवान परशुराम उनके (कल्कि) गुरु होंगे। कहते हैं, भगवान परशुराम अभी भी धरती पर ही है और कल्कि अवतार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान परशुराम अपने सभी सभी दिव्य अस्त्र और और उसका प्रशिक्षण भगवान कल्कि को देने के बाद वैकुंठ धाम चले जाएंगे।

ये भी पढ़ें: Nag Panchami: नागदेव ने भाई बन बहन को दी सोने की झाड़ू, राजा ने दे डाली धमकी; जानें फिर क्या हुआ

ये भी पढ़ें: महाभारत का पूरा युद्ध देखने वाले बर्बरीक कलियुग में कैसे बने कृष्ण के अवतार खाटू श्याम? जानें अद्भुत कहानी

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Written By

Shyam Nandan

First published on: Aug 08, 2024 11:03 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें