Kalashtami 2025: सनातन धर्म के लोगों के लिए भगवान शिव की पूजा का खास महत्व है। जहां कुछ लोग शिव जी की पूजा भोले बाबा के रूप में करते हैं, तो कुछ उनके रौद्र रूप काल भैरव देव की उपासना भी करते हैं। काल भैरव को तंत्र का देवता माना जाता है, जिनकी पूजा तंत्र-मंत्र की साधना में विशेषतौर पर की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है, जो काल भैरव को समर्पित है। काल भैरव की पूजा करने से साधक को शत्रुओं और संकट से मुक्ति मिलती है। इसी के साथ जीवन में खुशियों का आगमन होता है। चलिए जानते हैं साल 2025 में फरवरी माह में किस दिन कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा।
फरवरी में कब है कालाष्टमी?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार फाल्गुन माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 20 फरवरी 2025 को सुबह 09 बजकर 58 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 21 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 20 फरवरी 2025 को मासिक कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा।
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20 फरवरी 2025 के शुभ मुहूर्त
- सूर्योदय- प्रात: काल 06:55
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 05:14 से लेकर 06:04 मिनट तक
- विजय मुहूर्त- दोपहर में 02:28 से लेकर 03:14 मिनट तक
कालाष्टमी की पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद काले या नीले रंग के पवित्र वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में एक चौकी रखें। उसके ऊपर नीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
- कपड़े के ऊपर काल भैरव जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- व्रत का संकल्प लें।
- भैरव बाबा को फल, फूल, चंदन और मिठाई आदि चीजें अर्पित करें। इस दौरान काल भैरव अष्टक का पाठ करें।
- कालाष्टमी व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
- अंत में आरती करके पूजा का समापन करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।