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Kaalchakra: कलयुग में हर कष्ट की काट है ‘श्रीसूक्त’, पंडित सुरेश पांडेय से जानें पाठ का महत्व और लाभ

Kaalchakra Today: मां लक्ष्मी को समर्पित श्रीसूक्त एक पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है, जिसका वर्णन ऋग्वेद में किया गया है. जो लोग नियमित रूप से श्रीसूक्त का पाठ करते हैं, उन्हें धन-धान्य, सुख-समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है. चलिए प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं श्रीसूक्त पाठ के महत्व, नियम और लाभ आदि के बारे में.

Author Written By: Pandit Suresh Pandey Author Published By : Nidhi Jain Updated: Oct 15, 2025 11:24
Kaalchakra Today 15 October 2025
Credit- News24 Graphics

Kaalchakra Today 15 October 2025: हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है, जिनकी कृपा से व्यक्ति को सुख, समृद्धि, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. हालांकि, मां लक्ष्मी को खुश करना बहुत सरल है. कुछ उपायों और आदतों को अपनाकर माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए श्रीसूक्त का पाठ भी किया जा सकता है. श्रीसूक्त ऋग्वेद का सिद्ध मंत्र है, जिसमें कुल सोलह मंत्र हैं. इसके हर सूक्त या मंत्र में ऐसा चमत्कार है, जिससे अथाह धन-संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है.

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको श्रीसूक्त पाठ के महत्व, नियम और लाभ आदि के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.

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श्रीसूक्त पढ़ने के नियम

  • मां लक्ष्मी को लाल गुलाब, कमल का फूल या गुड़हल का फूल चढ़ाने के बाद पाठ करना चाहिए.
  • श्रीसूक्त का पाठ पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना उत्तम होता है.
  • श्रीसूक्त का पाठ करते समय पूरा ध्यान मां लक्ष्मी की ओर लगाएं.
  • संस्कृत में अगर पाठ न कर पाएं तो हिंदी में धीरे-धीरे साफ उच्चारण करते हुए पाठ करें.
  • हर दिन संभव न हो तो शुक्रवार, पूर्णिमा या अमावस्या तिथि पर पाठ जरूर करें. इसके अलावा नवरात्रि या दीपावली पर इसका पाठ करना ज्यादा शुभ होता है.
  • श्रीसूक्त का पाठ करने से पहले स्नान जरूर करें.

श्रीसूक्त का पाठ करने के लाभ

जो लोग रोजाना श्राद्धा भाव में श्रीसूक्त का पाठ करते हैं, उनका भाग्य चमकने लगता है. आएदिन शुभ समाचार मिलने लगते हैं. इसके अलावा सभी कार्यों में श्रेष्ठ सफलता मिलती है और अचानक धन लाभ होता है.

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श्रीसूक्त के मंत्रों का महत्व

  • समृद्धिदायक है श्रीसूक्त

‘तां मन आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्। यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्व पुरुषानहम्।।’ इस मंत्र के जाप से वाहन सुख मिल सकता है.

  • धनदायक है श्रीसूक्त

‘अश्वपूर्वां रशमध्यां हस्तिनादप्रबोधिनीम्। श्रियं देवीमुपह्ये श्रीर्मादेवीजुषताम्।।’ इस मंत्र का नियमित रूप से पाठ करने से रत्नों का सुख प्राप्त होता है. साथ ही वैभव की प्राप्ति होती है.

यदि आप श्रीसूक्त पाठ के नियम और लाभ के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Oct 15, 2025 11:23 AM

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