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Kaalchakra: पंचगव्य के ये उपाय हर मनोकामना को करेंगे पूरा! जानें पंडित सुरेश पांडेय से

पंचगव्य को बेहद पवित्र माना जाता है, जिसका इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं पंचगव्य के महत्व और उससे जुड़े प्रभावशाली उपायों के बारे में।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Apr 26, 2025 10:56
Kaalchakra Today News24
ये उपाय बदल देंगे आपकी जिंदगी!

सनातन धर्म के लोगों के लिए पंचगव्य का खास महत्व है, जिसका इस्तेमाल प्रत्येक देवी-देवताओं की पूजा में किया जाता है। गाय से दूध, दही, घी, गौमूत्र और गोबर प्राप्त होता है, जिसे पंचगव्य कहा जाता है। पंचगव्य को बेहद पवित्र माना जाता है, जिसके बिना कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य पूरा नहीं होता है।

किसी भी कर्मकांड में पापों का नाश करने के लिए या घर की शुद्धि के लिए पंचगव्य का प्रयोग किया जाता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको पंचगव्य से जुड़े ऐसे अचूक उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें करने से हर एक व्यक्ति की कोई भी इच्छा पूरी हो सकती है।

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गाय में होता है देवी-देवताओं का वास!

  • गाय के गोबर और गौमूत्र को दरिद्रता का नाशक माना जाता है। गौमूत्र का अथर्ववेद, चरक संहिता, राजतिपटु, बाण भट्ट, अमृत सागर, भाव सागर और सुश्रुत संहिता में भी वर्णन है।
  • पद्म पुराण के अनुसार, गाय के मुख में चारों वेदों का निवास है।
  • गाय के सींग के मूल में सदा ब्रह्मा और विष्णु प्रतिष्ठित हैं।
  • गाय के सींग के अग्रभाग में तीर्थ प्रतिष्ठित हैं और शिव जी सींग के मध्य में हैं।
  • गौ की ललाट पर गौरी, नासिका के अग्रभाग में भगवान कार्तिकेय, नासिका के दोनों पुटों में कंबल और अश्वतर में दोनों नाग प्रतिष्ठित हैं।
  • गाय के दांतों में आठों वसुगण, जीभ में वरुण और कंठ में सरस्वती बसती हैं।
  • गाय की ग्रीवा में इंद्र, मौर में राक्षस, पार्षिण भाग में सौरमंडल और जंघाओं के चारों चरणों में धर्म विराजमान है।
  • खुरों के मध्य में गंधर्व, अग्रभाग में सर्प और पश्च भाग में राक्षस गण हैं।
  • गौ के पृष्ठदेश में एदादश रुद्र, कमर में पितर, कपोलों में मानव, केश समूहों में आदित्य रश्मियां, गौमूत्र में गंगा और गोमय में यमुना प्रतिष्ठित हैं।
  • गौ के रोमसमूह में 33 कोटि देवी-देवता प्रतिष्ठित हैं।

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पंचगव्य के अचूक उपाय

  • गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से धन लाभ होता है।
  • नौकरी और कारोबार में रुकावटें आ रही हैं तो पूर्णिमा की रात, जल में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
  • परिवार में सुख-समृद्धि आए इसके लिए शुक्रवार की सुबह गाय के दूध की खीर केसर डालकर बनाएं। विष्णु जी और मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।
  • आमदनी बढ़ाने के लिए शुक्रवार को मां लक्ष्मी को गाय के दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।

पंचगव्य से जुड़े अन्य उपायों के बारे में यदि आप जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं। 

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: Apr 26, 2025 10:56 AM

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