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Kaalchakra: कब टूटती है शादी और कब बनता है दो विवाह का योग? जानें पंडित सुरेश पांडेय से

Kaalchakra News24 Today: ज्योतिष शास्त्र में विवाह से जुड़े हर सवाल का जवाब दिया गया है। कुंडली देखकर ये भी पता चल सकता है कि व्यक्ति का विवाह सफल होगा या नहीं। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं विवाह और कुंडली के बीच के कनेक्शन के बारे में।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Feb 15, 2025 11:09
Kaalchakra News24 Today
आज मिलेगा शादी से जुड़े हर सवाल का जवाब!

Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: शाादी एक पवित्र बंधन है, जिसका हिंदू धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। हालांकि हर व्यक्ति के लिए शादी के मायने अलग होते हैं। जहां कुछ लोग शादी अपनी इच्छा से करते हैं, तो कुछ परिवार के दबाव में। इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो जीवनभर कुंवारे रहते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि ये पहले ही निर्धारित हो जाता है कि किस व्यक्ति का विवाह कब तय होगा और किससे होगा। कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखकर इस बात की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है कि व्यक्ति का विवाह सफल रहेगा या नहीं यानी जीवनसाथी संग उसका तालमेल कैसा रहेगा।

आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि किन-किन परिस्थितियों में विवाह के टूटने का योग बनता है। साथ ही आपको ये भी पता चलेगा कि कब व्यक्ति का एक से ज्यादा विवाह होने का योग बनता है।

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एक से ज्यादा विवाह का योग कब बनता है?

  • कुंडली का पहला भाव खुद से संबंधित होता है। पांचवां भाव प्यार को दर्शाता है। सातवां भाव जीवनसाथी का भाव है। 11वां भाव सभी इच्छाओं की पूर्ति के दर्शाता है। जब कुंडली में स्पतम स्थान के स्वामी के साथ मंगल, राहु, केतु, शनि छठे, आठवें या 12वें भाव में हो, तो जीवनसाथी की मृत्यु के कारण व्यक्ति के दूसरे विवाह का योग बनता है।
  • जिन लोगों की कुंडली में सातवें या आठवें भाव में पाप ग्रह हो या मंगल 12वें भाव में हो, तो दो विवाह का योग बनता है।
  • जब कुंडली में लग्न, सातवें भाव और चंद्र, लग्न में द्विस्वभाव राशि यानी मिथुन, कन्या, धनु या मीन राशि में हो, तो एक से ज्यादा विवाह का योग बनता है।
  • कुंडली में जब लग्न का स्वामी 12वें भाव में और दूसरे भाव का स्वामी मंगल शनि, राहु, केतु के साथ बैठा हो या सातवें भाव में कोई पाप ग्रह बैठा हो, तो दो या दो से ज्यादा शादी का योग बनता है।

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कब टूटती है शादी?

  • जब कुंडली में सातवें भाव का स्वामी किसी नीच ग्रह के साथ अशुभ भाव में बैठा हो, तो शादी तय नहीं हो पाती है।
  • कुंडली में जब दूसरे भाव का स्वामी अकेला सातवें भाव में विराजमान होता है या शनि 5वें व 10वें भाव में वक्री या नीच राशि में हो, तो शादी तय होकर टूटने की संभावना रहती है।
  • जिन लोगों का जन्म श्रवण नक्षत्र में होता है। यदि उनकी कुंडला में मंगल-शनि का योग बनता है, तो उनकी शादी तय होने के बाद बहुत आसानी से टूट जाती है।
  • जिन लोगों का जन्म मूल नक्षत्र में होता है। यदि उनकी कुंडली में गुरु सिंह राशि में हो, तो शादी तय होकर टूटने की संभावना ज्यादा रहती है।

शादी से जुड़ी अन्य बातों के बारे में यदि आप जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Feb 15, 2025 11:09 AM

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