साल 2025 में 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि का आरंभ हो गया है। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है, जिस दिन देवी ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं, जिस दौरान पूजा-पाठ, व्रत और अचूक उपायों को करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है। इसके अलावा नवरात्रि में कुछ मंत्रों का जाप करना भी शुभ रहता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको नवरात्रि में नवार्ण मंत्र के जाप के महत्व और उससे होने वाले लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।
नवार्ण मंत्र का महत्व और लाभ
‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ नवार्ण मंत्र है, जो देवी दुर्गा के 9 अक्षरों का बीच मंत्र है। इस मंत्र के 9 अक्षर में 9 शक्तियां मौजूद हैं। ये 9 शक्तियां ही नवग्रहों में से एक-एक ग्रह का नियंत्रण करती हैं। इस मंत्र का जाप ग्रह दोष शांति के लिए बेहद असरदार माना जाता है।
मां दुर्गा के नवार्ण मंत्र के जाप से मां सरस्वती, देवी काली और महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। नवरात्रि में जो लोग सच्ची श्रद्धा व आस्था के साथ देवी की पूजा करके इस मंत्र का जाप करते हैं, उन्हें विशेष लाभ होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग नवरात्रि में 1 लाख बार नवार्ण मंत्र का जाप करते हैं, उनकी कोई भी मनोकामना पूरी हो सकती है।
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मंत्र के हर एक अक्षर का महत्व
- ऐं- ये सरस्वती का बीच मंत्र है। इस बीच मंत्र के जाप से बुद्धि तेज होती है और कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
- ह्रीं- ये महालक्ष्मी का बीच मंत्र है। इस बीच मंत्र से दरिद्रता दूर होती है और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
- क्लीं- ये महाकाली का बीच मंत्र है। महाकाली की आराधना से मोह-माया का नाश होता है और जीवन में आ रहे तमाम संकट दूर होते हैं। साथ ही विरोधी शांत रहते हैं और मंगल ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
- चा- इस मंत्र से मां कुष्मांडा की आराधना होती है, जिससे बुध ग्रह की शक्तियां व्यक्ति को मिलती हैं।
- मुं- 5वें बीच ‘मुं’ मंत्र से मां दुर्गा की 5वीं शक्ति स्कंदमाता की उपासना होती है, जिससे गुरु ग्रह मजबूत होता है।
- डा- इस मंत्र से मां कात्यानी की उपासना की जाती है, जिससे शुक्र ग्रह मजबूत होता है।
- यै- इस मंत्र से मां कालरात्रि की उपासना की जाती है, जिससे शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
- वि- इस मंत्र से मां महागौरी की उपासना होती है, जिससे राहु ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
- च- इस मंत्र से सिद्धिदात्री मां की पूजा होती है, जिससे केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
यदि आप नवार्ण मंत्र के जाप से होने वाले अन्य लाभ और नियमों के बारे में जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।