आज 30 मार्च 2025 को चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है। आज मां शैलपुत्री की पूजा करना शुभ रहेगा। आज नवरात्रि के साथ-साथ हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत रखना शुभ माना जाता है। हालांकि इस बार दूसरी और तीसरी नवरात्रि 31 मार्च 2025 को है। इसलिए 31 मई 2025 को मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। ऐसे में इस बार चैत्र नवरात्रि का समापन 6 अप्रैल 2025 को होगा।
आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही आपको जीवन में चल रही तमाम समस्याओं से छुटकारा पाने के अचूक उपायों के बारे में भी पता चलेगा।
मां दुर्गा की पूजा से जुड़े जरूरी नियम
- नवरात्रि में मां दुर्गा की मूर्ति या यंत्र की स्थापना मंदिर घर या एकांत कमरे में एक चौकी पर लाल रेशमी कपड़ा बिछाकर करनी चाहिए।
- पूजा कक्ष साफ-सुथरा, प्रदूषण रहित और शोर से दूर होना चाहिए।
- जिस कमरे में मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना की है, उस कमरे में प्रकाश और वायु की व्यवस्था होनी चाहिए।
- लाल ऊनी आसन पर बैठकर मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
- मां दुर्गा की पूजा में लाल सूती धोती और लाल सूती साड़ी का प्रयोग जरूर करना चाहिए।
- नवरात्रि के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- इस दौरान किसी से झूठ और जरूरत से ज्यादा न बोलें। इसके अलावा किसी की बुराई भी नहीं करनी चाहिए।
- व्रती को चारपाई पर नहीं सोना चाहिए।
- जो भी 9 दिन व्रत रखते हैं या मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उन्हें शौच के बाद कपड़े बदलने चाहिए।
- नवरात्रि में यदि आपने व्रत रखा है, तो इस दौरान कुछ भी खाने के बाद कुल्ला जरूर करें।
- व्रती को घर से बाहर ज्यादा घूमने-फिरने से बचना चाहिए।
- पूजा या जाप करते समय छींक, उबासी या खांसी आ जाए, तो वहीं रुककर 3 बार आचमन करें।
- मां दुर्गा के साधक को 8 दिनों तक दान देना या लोन लेने से बचना चाहिए।
- व्रत करने वाले व्यक्ति को 8 दिन दूसरों से अपना सिर, पैर या हाथ नहीं दबवाने चाहिए।
- व्रत रखने वाले जातकों को भारी भोजन नहीं खाना चाहिए।
- व्रत में चटपटे पदार्थों का सेवन करने से भी बचना चाहिए।
- गरिष्ठ फल या मूली का सेवन नवरात्रि में नहीं करना चाहिए।
मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा का महत्व
- जिन लोगों को अकारण भय सताता है या पेट में तकलीफ रहती है, उन्हें मां शैलपुत्री की उपासना जरूर करनी चाहिए। मां शैलपुत्री की पूजा करने से रोग दूर होते हैं और कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
- जिन लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर होती है या मन और मस्तिष्क कमजोर रहता है, उन्हें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए। गैस से जुड़े रोग में भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करना शुभ रहता है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
- जिन लोगों को मोटापा, दिल से संबंधित रोग या कमजोरी की समस्या है, उन्हें मां चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। मां चंद्रघंटा की उपासना से शुक्र ग्रह मजबूत होता है।
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से जुड़े अन्य नियमों के बारे में यदि आप विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।