---विज्ञापन---

Janmashtami 2024: 90% लोग नहीं जानते भगवान कृष्ण को प्रिय क्यों है माखन और मिश्री का स्वाद

Janmashtami 2024: जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाया जाता है। इस दिन द्वारकाधीश को उनकी प्रिय मिठाई माखन-मिश्री का भोग लगाना शुभ होता है। आइए जानते हैं कन्हैया जी को माखन-मिश्री क्यों अच्छी लगती है और उन्हें इसका भोग लगाना क्यों शुभ माना जाता है।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Aug 20, 2024 15:02
Share :
Janmashtami 2024
कृष्ण जी को क्यों लगाया जाता है माखन-मिश्री का भोग?

Janmashtami 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए भगवान कृष्ण को समर्पित जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व है। इस दौरान द्वारकाधीश की पूजा करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। जीवन में प्रेम, सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार 26 अगस्त 2024 को भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाया जाएगा। इस दिन रात्रि में कृष्ण जी पूजा का शुभ मुहूर्त 12:01 मिनट से लेकर 12:45 मिनट तक है।

जन्माष्टमी के पावन दिन कृष्ण जी की पूजा करने के साथ-साथ उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है। इसलिए कई लोग जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी को 56 व्यंजनों का भोग लगाते हैं। वहीं कुछ लोग उन्हें माखन-मिश्री का भी भोग लगाते हैं। लेकिन क्या आपको ये बात पता है कि कृष्ण जी को माखन-मिश्री इतनी प्रिय क्यों है? क्यों उन्हें हर साल जन्माष्टमी के मौके पर माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है? यदि नहीं, तो चलिए जानते हैं भगवान कृष्ण के पसंदीदा भोग में माखन-मिश्री क्यों आती है?

ये भी पढ़ें- 16 सितंबर तक इन 5 राशियों की टेंशन बढ़ाएगा ये योग, आत्मा के कारक ग्रह की बदली है चाल

बचपन से ही प्रिय थी माखन-मिश्री 

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान कृष्ण को वैसे तो सभी तरह की मिठाई प्रिय हैं। लेकिन मक्खन से उनका बचपन से ही खास लगाव था। बालपन में कृष्ण जी एक शरारती बालक थे, जिनका स्वभाव काफी चंचल था। बचपन में उनकी माता उन्हें खाने के लिए ताजे मक्खन में चीनी मिलाकर देती थी, जिसे माखन-मिश्री कहा जाता है। बढ़ती उम्र के साथ उन्हें ये इतना अच्छा लगने लगा कि वो अपने आसपास के घरों से भी मक्खन चुराकर खाया करते थे, जिसके कारण उन्हें ‘माखन चोर’ के नाम से जाना जाने लगा।

Krishna janmashtami 2023, Krishna janmashtami, dharma karma, vastu tips

इसलिए लगाया जाता है माखन-मिश्री का भोग

माखन-मिश्री के प्रति भगवान कृष्ण का प्यार कभी कम नहीं हुआ। बल्कि वक्त के साथ बढ़ता चला गया। इसी वजह से भगवान कृष्ण को हर खास मौके पर माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है। वृंदावन और मथुरा में मौजूद भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिरों में तो रोजाना उन्हें माखन-मिश्री प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है।

प्रेम-श्रद्धा का भी है प्रतीक

माखन-मिश्री को भगवान कृष्ण के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। जो केवल एक मिठाई नहीं है, बल्कि साधक का उनके प्रति प्रेम और श्रद्धा का भाव है। जब माखन-मिश्री खाते हैं, तो इससे मुंह में मिठास आती है। इससे अपने आप चेहरे पर भी मुस्कान आ जाती है। इसके अलावा इससे एक प्यारा संदेश भी मिलता है। माखन में मिश्री जिस तरह आसानी से मिल जाती है, उसी तरह जीवन में भी प्रेम घुल जाना चाहिए।

ये भी पढ़ें- 28 नवंबर से पहले ये 3 राशियां हो जाएंगी मालामाल! ज्ञान के कारक ग्रह की चाल बदलते ही होगा भाग्योदय

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Written By

Nidhi Jain

First published on: Aug 20, 2024 03:02 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें