Janmashtami 2024: हिंदू धर्म के लोगों के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व का विशेष महत्व है। इसी शुभ दिन भगवान कृष्ण का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन लोग कृष्ण जी के जन्म का उत्सव मनाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी के पावन दिन व्रत रखना और श्रीकृष्ण की विधिपूर्वक पूजा करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रात 12 बजे हुआ था। इसी वजह से हर साल भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन हर्षोल्लास के साथ कृष्ण जी के जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है और रात 12 बजे व्रत खोला जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा।
आज हम आपको शास्त्रों में बताए गए उन पांच प्रभावशाली उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें जन्माष्टमी को रात 12 बजे करने से साधक को श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।
माखन-मिश्री का भोग लगाएं
जन्माष्टमी को रात 12 बजे व्रत खोलने के बाद श्रीकृष्ण को अपने हाथ से बना हुआ माखन-मिश्री का भोग लगाएं। माखन-मिश्री को श्रीकृष्ण का प्रिय भोग माना जाता है। इसलिए श्रीकृष्ण को इसका भोग लगाकर प्रसन्न किया जा सकता है।
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शंख से अभिषेक करें
जन्माष्टमी के दिन जैसे ही रात 12 बजे, तो सबसे पहले शंख बजाएं। फिर दक्षिणावर्ती शंख में पंचामृत डालें और उससे श्रीकृष्ण का अभिषेक करें। उसके बाद उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं। इससे आपको श्रीकृष्ण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, धन-धान्य, खुशहाली, वैभव और सफलता का वास होगा।
पान का पत्ता अर्पित करें
पूजा-पाठ में पान के पत्ते का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी को रात 12 बजे के बाद भगवान कृष्ण को पान का पत्ता अर्पित करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान कृष्ण का तो आशीर्वाद प्राप्त होता ही है। साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं, जिनके आशीर्वाद से आपको पैसों से जुड़ी सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
बांसुरी अर्पित करें
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को बांसुरी अर्पित करना शुभ माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि कृष्ण जी को बांसुरी अति प्रिय है। इसलिए जो भक्त सच्चे मन से उन्हें बांसुरी भेंट करता है, उस पर भगवान अपना आशीर्वाद सदा बनाकर रखते हैं।
खीरा काटें
जन्माष्टमी के दिन जैसे ही रात में 12 बजते हैं, ठीक उसी समय खीरा जरूर काटना चाहिए। दरअसल, जैसे प्रत्येक बच्चे का जन्म उसकी माता की कोख से होता है और उसके जन्म के बाद बच्चे की गर्भनाल को मां के गर्भाशय से काटकर अलग कर दिया जाता है। ठीक वैसे ही जन्माष्टमी के दिन रात 12 बजते ही डंठल वाले खीरे को सिक्के की मदद से काटकर उसमें से लड्डू गोपाल का निकाला जाता है।
इसके लिए सुबह-सुबह डंठल वाले किसी एक खीरे में लड्डू गोपाल को रख दें और रात में उसी खीरे को काटें। ऐसा करने से आपको अपनी पूजा का पूर्ण फल जरूर मिलेगा और जीवन में सदा खुशहाली बनी रहेगी।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।