Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज हर साल सावन महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई है। साल 2024 में यह बुधवार 7 अगस्त को पड़ रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस तिथि को भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए हिन्दू धर्म में महिलाएं इस व्रत को अखंड सौभाग्यवती होने के लिए करती हैं। मान्यता है कि इसे करने से पति की आयु बढ़ती है, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और पारिवारिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है।
मान्यता है कि हरियाली तीज का व्रत विधि-विधान से करने से मां पार्वती प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। लेकिन इस व्रत को रखने के दौरान व्रती महिलाओं को कुछ जरूरी बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है, वरना व्रत का उल्टा असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं, हरियाली तीज के दिन महिलाओं को किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए?
हरियाली तीज पर भूल से भी न करें ये काम
कपड़े का रंग: प्रचलति मान्यता के अनुसार, इस व्रत को रखने वाली महिलाओं को इस दिन काले और सफेद कपड़े बिल्कुल भी नहीं पहनने चाहिए। हिंदू धर्म में ये रंग शोक, दुख और वैधव्य के प्रतीक माने गए हैं। इस दिन केवल लाल, हरे, पीले, नारंगी और गुलाबी रंग के ही कपड़े पहनें।
पूजा सामग्री की खरीददारी: सावन की हरियाली तीज इस बार बुधवार को पड़ रही है। इस पूजा के लिए सामग्रियों की खरीददारी मंगलवार को नहीं करनी चाहिए। यदि आपने कोई सामान मंगलवार को खरीदा है, तो उसका उपयोग पूजा में बिल्कुल न करें, वरना पति से आपके रिश्ते पर बुरा असर हो सकता है।
जल या दूध का सेवन: मान्यता है कि इस दिन पानी या दूध का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। साथ ही तीज व्रत का पारण मुहूर्त से पहले नहीं खोलें और न ही मुहूर्त के बाद व्रत तोड़ें, अन्यथा व्रत का फल नहीं मिलता है।
दिन में सोना: हरियाली तीज के दिन महिलाओं को दिन में भूल कर भी सोना नहीं चाहिए। कहते हैं ऐसा करने से मां पार्वती नाराज हो जाती हैं और पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है।
क्रोध करना: इस दिन महिलाओं को अपना मन पवित्र और शांत रखने की जरूरत है। इस दिन उन्हें नकारात्मक विचारों से दूर रहना आवश्यक है। इस दिन हर हाल में क्रोध करने से बचना चाहिए। क्रोधित मन से की गई पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है। महिलाओं को शांत मन से माता पार्वती की आराधना करनी चाहिए।
ब्रह्मचर्य का पालन: इसके अलावा इस दिन व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन भी करना चाहिए, अन्यथा व्रत भंग हो जाता है और इससे व्रत का उल्टा प्रभाव जीवन पर पड़ सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।