Govardhan Puja Katha In Hindi: कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है. आज 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है. यह दिन गोवर्धन महाराज की पूजा और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए समर्पित होता है. भक्त आज के दिन घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाकर पूजा करते हैं. अन्नकूट और छप्पन भोग का प्रसाद अर्पित करते हैं. गोवर्धन पूजा का काफी महत्व है. यह प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने के लिए मनाई जाती है. आपको गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पूजा की कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए.
गोवर्धन पूजा की कथा (Goverdhan Puja Katha)
मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में दिवाली के बाद कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को इंद्र देव की पूजा की जाती थी. खासकर गोकुल और ब्रज क्षेत्र में इंद्र देव की पूजा का विधान था. एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल के लोगों से कहा कि, इंद्र देव की पूजा से कोई लाभ नहीं है हमें पेड़ों-पशुओं और पर्वत की पूजा करनी चाहिए.
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लोगों ने भगवान कृष्ण के कहने पर गोवर्धन की पूजा की इस बात पर इंद्र देव नाराज हो गए और उन्होंने खूब वर्षा की. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों और पशुओं की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया जिसके नीचे सभी लोगों ने शरण ली. इस प्रकार उन्होंने सभी की रक्षा की. यह सब देखकर इंद्र का घमंड चूर-चूर हो गया. इंद्र देव को इससे लज्जित होकर क्षमा याचना करनी पड़ी.
आज जरूर करें इस कथा का पाठ
आपको आज गोवर्धन पूजा के दिन इस कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए. इस कथा के बिना गोवर्धन का पूजन अधूरा माना जाता है. इस कथा का पाठ कर आप गोवर्धन पूजा को पूर्ण करें. इससे आपको भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन महाराज की कृपा प्राप्त होगी.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










