एकदंत संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जो ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भक्तों के जीवन से सभी प्रकार के कष्ट, बाधाएं और संकट दूर करने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से जीवन में शुभता, समृद्धि और खुशियां आती हैं। यह मनोकामना पूर्ति का एक विशेष दिन हैं, जिसमें भक्त भगवान गणेश को प्रसन्न करने के के लिए प्रार्थना और जाप करते हैं। यहां गणेश साधना के लिए 5 विशिष्ट मंत्रों उनके अर्थ और उपयोग सहित दिया गया है, जो बेहद शक्तिशाली माने जाते हैं।
गणेश साधना मंत्र
1. ॐ श्री गणेशाय नमः
इस मंत्र का अर्थ है: भगवान श्री गणेश को नमस्कार करता हूं।
उपयोग: यह मंत्र दैनिक पूजा, ध्यान और किसी भी नए कार्य के आरंभ में जाप किया जाता है, जो काफी प्रभावशाली मंत्र है। यह न केवल सकारात्मक ऊर्जा और शुभता लाता है, बल्कि मानसिक शांति और एकाग्रता के लिए उपयुक्त माना गया है।
2. ॐ गं गणपतये नमः
इस मंत्र का अर्थ है: मैं भगवान गणेश को विनम्रता से प्रणाम करता हूँ। ‘ॐ’ – यह ब्रह्मांड की पवित्र ध्वनि है, जिससे सब कुछ शुरू होता है। ‘गं’ – यह गणेश जी का विशेष बीज मंत्र है, जिससे उनकी शक्ति जाग्रत होती है।
उपयोग: यह भगवान गणेश का एक सामान्य लेकिन बेहद शक्तिशाली गणेश है। इसका जाप किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले बाधाओं को दूर करने, सफलता प्राप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए किया जाता है। यह एकाग्रता और ध्यान को बढ़ाने में भी सहायता करता है।
3. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
इस मंत्र का अर्थ है: वक्रतुंड यानी टेढ़ी सूंड वाले, विशाल शरीर वाले, सूर्य के समान तेजस्वी भगवान गणेश, आप कृपा कर सभी कार्यों में सदा मेरे विघ्नों को दूर करें।
उपयोग: यह मंत्र किसी भी नए और महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने के लिए बहुत शक्तिशाली माना गया है। इसका जाप करने से आत्मविश्वास, सकारात्मकता और शुभता बढ़ती है।
4. ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
इस मंत्र का अर्थ है: हम ‘एकदंत’ यानी एक दांत वाले गणेश जी को जानते हैं और ‘वक्रतुण्ड’ यानी जिनकी सूंड मुड़ी हुई है, उनका ध्यान करते हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि वे दंती रूप में हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें और हमारी बुद्धि को दिशा दिखाएं।
उपयोग: यह गणेश गायत्री मंत्र है, जो भगवान गणेश की स्तुति और ध्यान के लिए बोला जाता है। यह मंत्र बुद्धि, एकाग्रता और सकारात्मक सोच को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके नियमित जाप से आध्यात्मिक उन्नति होती है।
5, ॐ सिद्धि विनायकाय नमः
इस मंत्र का अर्थ है: सिद्धि और सफलता देने वाले भगवान विनायक को नमस्कार है।
उपयोग: इस मंत्र का उपयोग किसी विशेष लक्ष्य को सिद्ध करने से पहले किया जाता है। इसके जाप से व्यापारिक गतिविधियों, कारोबार और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलती है और धन, यश और सिद्धि की प्राप्ति होती है।
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