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Durga Visarjan 2025: 1 या 2 अक्टूबर, दुर्गा विसर्जन कब? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Durga Visarjan 2025 Date: साल 2025 में 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन 9 नहीं बल्कि 10 दिन बाद नवमी तिथि पर होगा. वहीं, दुर्गा विसर्जन नवमी तिथि के अगले दिन दशमी तिथि पर होगा. चलिए जानते हैं दुर्गा विसर्जन की तिथि, शुभ मुहूर्त और विधि आदि के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Sep 20, 2025 14:17
Durga Visarjan 2025
Credit- News24 Graphics

Durga Visarjan 2025 Date Time: सनातन धर्म के लोगों के लिए शारदीय नवरात्रि के पर्व का खास महत्व है, जिसका उत्सव 9 दिनों तक चलता है. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करके घर में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है. 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है और आखिरी दिन मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन करके नवरात्रि उपवास का पारण किया जाता है. मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से शारदीय नवरात्रि व्रत और पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें माता रानी की कृपा से मनचाहा आशीर्वाद मिलता है.

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार 22 सितंबर 2025 से शारदीय नवरात्रि पर्व का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन दशमी तिथि पर दुर्गा विसर्जन के साथ होगा. हालांकि, इस बार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. चलिए जानते हैं साल 2025 में 1 अक्टूबर या 2 अक्टूबर, किस दिन दुर्गा विसर्जन करना शुभ रहेगा. साथ ही आपको दुर्गा विसर्जन के शुभ मुहूर्त के बारे में पता चलेगा.

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दुर्गा विसर्जन 2025 में कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार आश्विन माह की दशमी तिथि 1 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 1 मिनट से लेकर 2 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के आधार पर, इस बार 2 अक्टूबर 2025 को दुर्गा विसर्जन किया जाएगा. इसी दिन भगवान राम के विजय का पर्व दशहरा मनाया जाएगा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है. 2 अक्टूबर 2025 को प्रात: काल 6 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक दुर्गा विसर्जन का शुभ मुहूर्त है.

दुर्गा विसर्जन की विधि

  • दुर्गा विसर्जन करने से पहले मां दुर्गा का अपने घर में आने के लिए धन्यवाद कहें.
  • माता रानी को रोली, अक्षत, फल, फूल, मिठाई और वस्त्र अर्पित करें.
  • देसी घी का एक दीपक जलाएं.
  • दुर्गा चालीसा का पाठ और आरती करें.
  • माता रानी को सिंदूर अर्पित करें.
  • साथ ही परिवार के सदस्यों को सिंदूर लगाएं.
  • ढोल-नगाड़ों और माता रानी के जयकारों के साथ मूर्ति को अपनी जगह से उठाएं और किसी पवित्र नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें.
  • मूर्ति प्रवाहित करने से पहले मंडप में स्थापित कलश पर रखी चुनरी और नारियल घर की विवाहित महिला को दें.
  • कलश में मौजूद पूजा सामग्री घर में छिड़क दें और कलश के भीतर रखे सिक्के को तिजोरी में रखें.

ये भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के लिए हैं 2 शुभ मुहूर्त, जानें सही समय, विधि और नियम

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Sep 20, 2025 02:17 PM

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