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Religion

Devshayani Ekadashi 2025: आज देवशयनी एकादशी की रात करें ये 3 उपाय, श्री हरि विष्णु की कृपा से दूर होंगे सभी संकट

Devshayani Ekadashi Upay: आज आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे देवशयनी एकादशी भी कहते हैं। आज से चार माह के लिए श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। मान्यता है कि यदि कोई साधक आज रात कुछ विशेष उपाय करता है तो उसे विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। चलिए अब जानते हैं देवशयनी एकादशी की रात करने वाले प्रभावशाली उपायों के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Jul 6, 2025 09:40
Shiv ji-Vishnu ji
सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics

Devshayani Ekadashi 2025: भगवान विष्णु के भक्तों के लिए देवशयनी एकादशी के दिन का खास महत्व है। इस दिन श्री हरि विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसके बाद जगत की जिम्मेदारी भगवान शिव संभालते हैं। हालांकि इन चार माह कोई मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है, जिस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ व्रत भी रखा जाता है। साल 2025 में आज 06 जुलाई को देवशयनी एकादशी है।

शास्त्रों में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति देवशयनी एकादशी की रात कुछ विशेष उपाय करता है तो उसे भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसी के साथ आज के पावन दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए भी कुछ अचूक उपाय करने लाभदायक होते हैं, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

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देवशयनी एकादशी के उपाय

  • आज देवशयनी एकादशी की रात भगवान विष्णु की पूजा करें। एक लाल कपड़ा लें, उसमें तुलसी की जड़ रखकर घर के मुख्य दरवाजे पर उत्तर पूर्व दिशा में बांध दें। इससे घर में सकारात्मकता का वास होगा और पैसों की कमी से मुक्ति मिलेगी। साथ ही घरवालों के बीच प्रेम बढ़ने लगेगा।

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  • जिन लोगों के हाथ में पैसा नहीं टिकता है या आए दिन जीवन में परेशानियां आने लगती हैं, वे आज रात विष्णु और लक्ष्मी जी की साथ में पूजा जरूर करें। पूजा करने के बाद घर के मंदिर में पूर्व दिशा में लाल कपड़ा बिछाकर उस पर श्रीयंत्र की स्थापना करें और उसकी पूजा करें। पूजा करने के बाद 3 बार अपनी मनोकामना को बोलें और जाने-अनजाने में की गई गलतियों के लिए माफी मांगें। इस उपाय से जल्द आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी।
  • अष्टलक्ष्मी को देवी लक्ष्मी के आठ रूपों (धन, धान्य, वैभव, संतान, विद्या, विजय, धैर्य, और शक्ति) को समर्पित एक लाभकारी स्तोत्र माना जाता है, जिसका पाठ करने से घर में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्या आदि का वास होता है। खासकर देवशयनी एकादशी की रात 3 बार अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम का पाठ करना शुभ होता है। इससे साधक को मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद मिलता है और धन संकट दूर होता है।

देवशयनी एकादशी व्रत के पारण का मुहूर्त

देवशयनी एकादशी के व्रत का पारण उपवास के अगले दिन सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले किया जाता है। इस बार 06 जुलाई को देवशयनी एकादशी को व्रत रखा जाएगा, जबकि 07 जुलाई को व्रत का पारण किया जाएगा। कल प्रात: काल 05:29 से सुबह 08:16 मिनट तक देवशयनी एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jul 06, 2025 09:40 AM

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