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दिल्ली के इन 3 मंदिरों के करें दर्शन, दिल की हर मुराद होगी पूरी

Delhi Famous Hindu Temple: अगर आपको धार्मिक यात्रा करना अच्छा लगता है, तो इसके लिए दिल्ली बेस्ट प्लेस है। दिल्ली में कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जिनकी अपनी खासियत है। आज हम आपको दिल्ली के 3 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Apr 1, 2024 08:10
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Delhi Famous Hindu Temple

Delhi Famous Hindu Temple: दिल्ली में देवी-देवताओं को समर्पित कई प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर मौजूद हैं, जिनका अपना महत्व और मान्यता है। कुछ मंदिर तो ऐसे हैं, जिनके बारे में कहा जाता हैं कि वहां दर्शन मात्र से ही व्यक्ति को अपने पापों से छुटकारा मिल जाता है।

आज हम आपको दिल्ली के 3 ऐसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां आकर आपको शांति का अहसास तो होगा ही। साथ ही आपकी हर मनोकामना भी पूरी हो सकती है। आइए जानते हैं दिल्ली के उन 3 प्राचीन मंदिरों के बारे में।

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योगमाया मंदिर

योगमाया मंदिर देवी योगमाया को समर्पित मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी योगमाया भगवान कृष्ण की बहन थीं। देवी योगमाया का जन्म श्री कृष्ण के साथ हुआ था। दरअसल, देवी योगमाया वो ही हैं, जिन्हें कृष्ण जी के पिता वासुदेव यमुना नदी को पार कराके लाए थे। वासुदेव जी ने श्री कृष्ण की जान बचाने के लिए माता देवकी की गोदी में देवी योगमाया को रख दिया था। योगमाया मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति अपनी मनोकामना लेकर देवी के पास आता है। माता उसकी इच्छा जरूर पूरी करती हैं।

झंडेवालान् मंदिर

झंडेवालान् मंदिर, दिल्ली के करोल बाग में स्थित है। यह मंदिर देवी झंडेवाली को समर्पित है। मंदिर में देवी झंडेवाली की मूर्ति के अलावा राधा रानी, भगवान कृष्ण, हनुमान जी और गणेश की भी मनमोहक मूर्तियां हैं। नवरात्रि के दौरान माता झंडेवाली के दर्शन करने के लिए मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तजन पहुंचते हैं। माना जाता है कि देवी झंडेवाली बहुत ज्यादा दयालु हैं। वो अपने दर से किसी भी भक्त को खाली हाथ नहीं जाने देती हैं, वो हर किसी की मुराद जरूर पूरी करती हैं।

नीली छतरी मंदिर

दिल्‍ली के निगम बोध घाट के समीप नीली छतरी मंदिर स्थित है। इस मंदिर का नाम देश के प्राचीन, प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिरों में आता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, नीली छतरी मंदिर का संबंध पांडवों से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में जो शिवलिंग है, उसकी स्थापना महाभारत युद्ध के दौरान युधिष्ठिर ने की थी। मंदिर के समीप ही हवन कुंड भी है, जहां अश्वमेध यज्ञ किया गया था।

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Written By

Nidhi Jain

First published on: Apr 01, 2024 08:00 AM

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