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Chhath Puja 2024: पहली बार कर रही हैं छठ पूजा? इन 3 नियमों का करें पालन, सभी मुरादें होंगी पूरी!

Chhath Puja 2024 Vrat Niyam: छठ के महापर्व से लोगों की खास आस्था जुड़ी है, जो 4 दिनों तक मनाया जाता है। छठ का व्रत काफी कठिन होता है, जिस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है। चलिए जानते हैं छठ पूजा की सही तिथि और नियमों के बारे में।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Nov 3, 2024 08:57
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Chhath Puja 2024: यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए छठ पूजा का विशेष महत्व है। हर साल दिवाली के छह दिन बाद भगवान सूर्य और छठ मैया को समर्पित चार दिवसीय छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है, जिसका आरंभ कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और समापन सप्तमी तिथि के दिन होता है।

छठ पूजा का व्रत काफी कठिन होता है, क्योंकि व्रत में महिलाएं पूरे 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं। ऐसे में अगर आप पहली बार छठ पूजा कर रखी हैं, तो आपको इससे जुड़े खास नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। नहीं तो आपको अपनी पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलेगा। चलिए अब जानते हैं छठ पूजा से जुड़े खास नियमों के बारे में।

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छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा में भगवान सूर्य और छठ मैया की उपासना की जाती है। 36 घंटे के व्रत के दौरान दो बार सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सबसे पहले ढलते सूर्य को और फिर अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, छठ का व्रत खासतौर पर माताएं अपनी संतान के अच्छे स्वास्थ्य, लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए रखती हैं। माना जाता है कि यदि माताएं सच्चे मन से ये व्रत करती हैं, तो छठी मैया उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

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छठ पूजा की खास तिथियां

छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है, जिसका समापन 4 दिन बाद सूर्य को अर्घ्य देने के बाद होता है।

नहाय-खाय: 5 नवंबर 2024

खरना: 6 नवंबर 2024

संध्या सूर्य अर्घ्य: 7 नवंबर 2024

प्रातः सूर्य अर्घ्य: 8 नवंबर 2024

व्रत का पारण: 8 नवंबर 2024

छठ पूजा से जुड़े नियम

  • छठ पूजा का पर्व नहाय-खाय के साथ आरंभ होता है, जिस दिन घर की साफ-सफाई जरूर करनी चाहिए। नहाय-खाय के दिन सभी घरवालों को सात्विक भोजन करना चाहिए और शुद्ध कपड़े पहनने चाहिए।
  • छठ का प्रसाद केवल चूल्हे पर बनाना शुभ होता है। जिन लोगों ने व्रत रखा है, केवल उन्हें ही छठ का प्रसाद बनाना चाहिए। प्रसाद बनाते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  • जो महिलाओं छठ का व्रत करती हैं, उन्हें उपवास के दौरान जमीन पर सोना चाहिए। व्रत के दौरान किसी से झगड़ा न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Nidhi Jain

First published on: Nov 03, 2024 08:57 AM

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