Chandra Grahan 2024 Date and Time: सूर्य और चांद के बीच में पृथ्वी के आने से जब चांद पर छाया पड़ती है तो चंद्रमा छिप जाता है, जिसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। साल 2024 में 25 मार्च 2024 को पहला चंद्र ग्रहण लगा, दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024 को लगा और तीसरा चंद्र ग्रह 17 अक्टूबर 2024 को लग रहा है। ये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है जो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन लगने जा रहा है। आइए चंद्र ग्रहण के लगने का समय और भारत में ये मान्य है या नहीं? जान लेते हैं।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में है या नहीं?
आज यानी 17 अक्टूबर 2024 को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। इस ग्रहण के समय, सूतक काल और उपलब्धता को लेकर काफी सारी दुविधा हैं। पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला ये चंद्र ग्रहण कुछ ज्योतिष के अनुसार आंशिक चंद्र ग्रहण है। जबकि, कुछ ज्योतिष के अनुसार ये चंद्र ग्रहण मान्य नहीं है। साल के इस आखिरी चंद्र ग्रहण को लेकर कहा जा रहा है कि भारत में ये नहीं दिखेगा।
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चंद्र ग्रहण पर क्यों बनी भ्रम की स्थिति?
आज 17 सितंबर, 2024 की काल पुरुष कुंडली में ग्रहों की आज की स्थिति ही सारे भ्रम की जड़ है। काल पुरुष कुंडली में आज मीन राशि में चंद्रमा और राहु एक साथ मौजूद हैं। ज्योतिष नियमों के अनुसार, जब चंद्रमा और राहु एक ही राशि में गोचर कर युति बनाते हैं, तो ‘ग्रहण योग’ बनता है। लेकिन जब तक चंद्र-राहु की पूर्ण युति नहीं होती है, चंद्र ग्रहण नहीं लगता है। आज की काल पुरुष कुंडली के अनुसार, मीन राशि में चंद्रमा 27 डिग्री पर और राहु 11 डिग्री पर स्थित हैं। इसलिए लोगों को भ्रम हो रहा है कि आज चंद्र ग्रहण है।
धरती के किसी भाग से नहीं दिखेगा चंद्र ग्रहण
हर ग्रहण की तरह इस बार का चंद्र ग्रहण भी वैसा ही है। सूर्य और चंद्रमा के बीच धरती के आने पर चंद्र ग्रहण लग रहे है, लेकिन इस बार का ग्रहण धरती के किसी भी भाग से देखा नहीं जा सकेगा। जी हां, आप इस ग्रहण को कहीं से भी देख नहीं पाएंगे, क्योंकि यह काल पुरुष की कुंडली पर आभासी रूप से बन रहा है, न कि वास्तविक रूप से। इसलिए ऐसा कहा जा रहा है कि ये ग्रहण धरती पर नहीं लग रहा है। इसका मतलब कि इस चंद्र ग्रहण को आप धरती के किसी भी कोने से नहीं देख सकेंगे। इसलिए इस चंद्र ग्रहण को माना नहीं जा रहा है और इसका कोई समय भी तय नहीं है।
क्या मानना जाएगा ग्रहण से जुड़ा नियम?
सूर्य या चंद्र ग्रहण लगने पर कुछ नियमों का पालन करना होता है। सूतक काल में किसी तरह के शुभ कार्य भी नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि, ये चंद्र ग्रहण भारत के अलावा अन्य देशों में भी मान्य नहीं है जिस वजह से ग्रहण से जुड़े नियमों का पालन करना भी जरूरी नहीं है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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