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Chaitra Purnima ke Upay: भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को लगाएं पंजीरी और मखाना खीर का भोग, हो जाएंगे मालामाल

Chaitra Purnima ke Upay: हिन्दू धर्म ग्रंथों में चैत्र पूर्णिमा के महत्त्व को उजागर करते हुए बताया गया है कि यह दिन विद्या, ज्ञान, मान-सम्मान और धन-संपत्ति के अर्जन की विधि और उपायों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहां कुछ आसान लेकिन काफी फलदायी विधि और उपाय बताए गए हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Apr 23, 2024 08:47
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चैत्र पूर्णिमा के उपाय

Chaitra Purnima ke Upay: आज यानी 23 अप्रैल, मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा है। पुराणों और शास्त्रों में चैत्र पूर्णिमा के महात्म्य के बारे में काफी वर्णन किया गया है। पृथ्वी को जल प्रलय से बचाने के लिए चैत्र पूर्णिमा को भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। इसी पुण्य तिथि को भगवान शिव ने अपने दसवें अंश से हनुमान के रूप में जन्म लिया था। धरती को राक्षसों और दुष्टों को मुक्त करने के लिए भगवान राम ने भी चैत्र पूर्णिमा के दिन ही वनवास का मार्ग ग्रहण किया था। विद्या, ज्ञान, मान-सम्मान और धन-संपत्ति में वृद्धि के लिए चैत्र पूर्णिमा के दिन विशेष विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान किए जाते हैं। आइए चैत्र पूर्णिमा को किए जाने वाले आसान उपायों के बारे में जानते हैं।

भगवान विष्णु को लगाएं पंजीरी का भोग

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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन विष्णुजी की उपासना भगवान सत्यनारायण के रूप में की जाती हैं। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा को भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने से सभी प्रकार के दुःख-दारिद्रय मिट जाते हैं। धन-दौलत और परिवार में सुख-शांति के लिए इस दिन भगवान विष्णु को धनिये की पंजीरी का भोग लगाएं।

देवी लक्ष्मी को चढ़ाएं मखाना खीर

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चैत्र पूर्णिमा को भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी पूजा करने से सभी प्रकार की धन-संपत्ति और सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन विधि-विधान से लक्ष्मीजी पूजा करें और उनको गाय के दूध में बने हुए मखाने की खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से रुका हुआ धन वापस आता है। रुपये-पैसों की कभी कमी नहीं होती है।

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हनुमानजी को सिन्दूर का लेप लगाएं

चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है, क्योंकि इसी तिथि को वानरराज केसरी और देवी अंजनी के यहां हनुमानजी का जन्म हुआ था। चैत्र पूर्णिमा को बजरंगबली हनुमान की पूजा करने से शनि का प्रकोप नहीं रहता है। इस दिन हनुमानजी की प्रतिमा पर सरसों तेल में सिन्दूर मिला कर लेप लगाएं और ‘ॐ आंजनेय नमः’ मंत्र का जाप करें। इससे जीवन से सभी रोग-शोक समाप्त हो जाते हैं। स्वास्थ्य उत्तम रहता है। सद्कर्मों में वृद्धि होती है।

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ये उपाय भी करें

  • सूर्य देव को अर्घ्य: तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और चावल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • पीपल पूजन: पीपल के वृक्ष की परिक्रमा लगाएं और विधिवत पूजन करें।
  • चंद्र अर्घ्य: “ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:” मंत्र का जाप करते हुए रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें और पूजा करें।
  • क्षमा प्रार्थना: विचारों में शुद्धता के लिए अपनी गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें और दूसरों को भी क्षमा करें।
  • दान : चैत्र पूर्णिमा पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इसलिए गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र आदि की दान-दक्षिणा दें।
  • हवन करें: यदि संभव हो तो घर में हवन करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी इस दिन शुभ माना जाता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

News24 हिंदी

Edited By

Simran Singh

First published on: Apr 22, 2024 12:07 PM

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