Chaitra Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा का विशेष महत्व है। अमावस्या पर विशेष रूप से पितरों का तर्पण करना, दान-पुण्य करना और पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। हर महीने आने वाली अमावस्या तिथियों में चैत्र अमावस्या का महत्व अलग है, जो इस वर्ष 29 मार्च 2025 को मनाई जाएगी।
चैत्र अमावस्या के दिन विशेष पूजा-अर्चना करने से न केवल पितरों का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी लाता है। इस दिन कुछ विशेष कार्यों से बचना चाहिए, क्योंकि इन गलतियों से दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं उन गलतियों के बारे में, जिन्हें इस दिन करने से बचना चाहिए।
ये भी पढ़ें: इन 3 तारीखों में जन्मे लोगों पर रहती है शुक्र ग्रह और मां लक्ष्मी की खास कृपा, जीते हैं ऐशो-आराम की जिंदगी!
मांसाहार और मदिरा से बचें
चैत्र अमावस्या पर तामसिक आहार यानी मांसाहारी भोजन और शराब (मदिरा) का सेवन करने से बचना चाहिए। यह दिन शुद्धता और आत्मिक उन्नति के लिए होता है। मांसाहार और मदिरा से न केवल शारीरिक शुद्धता में कमी आती है, बल्कि ये आध्यात्मिक उन्नति में भी बाधक बन सकते हैं।
शारीरिक और भावनात्मक शुद्धता बनाए रखें
इस दिन स्त्री-पुरुष को अंतरंग संबंधों और साहचर्य से दूर रहना चाहिए। यह समय आत्म-नियंत्रण का है, ताकि आप पूरी तरह से अपने आत्मिक और आध्यात्मिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकें। यह दिन ध्यान, साधना और पूजा के लिए अत्यधिक उपयुक्त है।
सुनसान और एकांत स्थानों से बचें
अमावस्या की रात में सुनसान और एकांत स्थानों पर जाना नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है। इन स्थानों पर नकारात्मक शक्तियाँ सक्रिय हो सकती हैं। इसलिए, इस दिन अपने घर या किसी पवित्र स्थान जैसे मंदिर में समय बिताना अधिक लाभकारी होता है।
खाद्य पदार्थों और उपहारों के प्रति सतर्क रहें
चैत्र अमावस्या पर सफेद रंग के खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, किसी भी प्रकार के उपहार या भोजन को स्वीकार करते समय भी सावधानी बरतें, खासकर अगर वे किसी नकारात्मक प्रभाव वाले प्रतीत हों।
स्वच्छता का ध्यान रखें
इस दिन स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजा के लिए एक शुद्ध वातावरण बनाएं और अपने शरीर, मन और परिवेश को साफ रखें। इससे आपके मन में सकारात्मकता आएगी और पूजा का प्रभाव भी बेहतर होगा।
सूर्य देव को जल अर्पित करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। यह दिन की शुरुआत सकारात्मक रूप से करने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य है और यह आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
पितृ तर्पण करें
चैत्र अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण करने से उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि आती है। इसके लिए दक्षिण दिशा में पितरों का सम्मान और तर्पण करें। पितृ स्तोत्र का पाठ भी इस दिन करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
चैत्र अमावस्या के दिन यदि हम इन साधारण लेकिन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें, तो न केवल हमें अपने पितरों का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि हमारी आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। यह दिन हमारे जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए इस दिन किए गए कार्यों का विशेष महत्व होता है।
ये भी पढ़ें: Mahabharata Story: पिछले जन्म में कौन थी द्रौपदी, क्यों मिले उसे 5 पति? जानें पांचाली से जुड़े रहस्य
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।