घर में चीटियों का दिखना एक ऐसी घटना है जिसे हम रोजमर्रा की जिंदगी में अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। वहीं, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में चीटियों के आने को विशेष महत्व बताया गया है। यह शुभ और अशुभ दोनों तरह के संकेत दे सकता है और इसका प्रभाव चीटियों के रंग, उनकी दिशा और व्यवहार पर निर्भर करता है। ग्रंथों में लाल और काली चीटियों के अलग-अलग अर्थ बताए गए हैं।
काली चीटियों का क्या है अर्थ?
शास्त्रों में काली चीटियों को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इनका घर में प्रवेश करना सकारात्मक बदलाव और धन-संपदा में वृद्धि का संकेत देता है। ऐसा माना जाता है कि काली चीटियों में भगवान विष्णु की कृपा छिपी होती है। अगर ये चीटियां रसोई में चावल के बर्तन, मिठाई या गहनों के आसपास दिखाई दें तो इसे आर्थिक प्रगति और सुखद घटनाओं का सूचक माना जाता है।
अगर काली चीटियां कतार बनाकर व्यवस्थित रूप से चलती हैं, तो यह माना जाता है कि घर में जल्द ही कोई शुभ समाचार मिल सकता है। इसके साथ ही यह अकस्मिक धन लाभ का भी संकेत होता है। शास्त्रों में काली चीटियों को आटा और चीनी का मिश्रण खिलाना शुभ माना गया है।
क्यों दिखती हैं लाल चीटियां?
लाल चीटियां, जिन्हें अक्सर अग्नि चीटियां भी कहा जाता है, वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में सामान्य रूप से अशुभ संकेत के रूप में देखी जाती हैं। इनका घर में दिखना आर्थिक तंगी, पारिवारिक विवाद या भविष्य में किसी कठिनाई का संकेत देता है। शकुन शास्त्र के अनुसार, लाल चीटियों की उपस्थिति धन के अनावश्यक खर्च या कर्ज में वृद्धि की ओर इशारा करती है।
हालांकि, यह धारणा हर स्थिति में लागू नहीं होती है। यदि लाल चीटियां अपने मुंह में भोजन या अंडा लेकर घर में प्रवेश करती दिखें तो इसे शुभ भी माना जाता है, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा के हटने और प्रगति का प्रतीक है। इसके विपरीत यदि ये बिना किसी भोजन के इधर-उधर भटकती दिखें, तो यह सतर्कता बरतने का संकेत है। शास्त्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि लाल चीटियों को मारना अशुभ और पाप का भागी बनाता है। इसके बजाय, उन्हें प्राकृतिक तरीकों जैसे नींबू का रस, लौंग, तेजपत्ता या कपूर के उपयोग से घर से बाहर निकालना चाहिए।
चीटियों की दिशा और प्रभाव
वास्तु शास्त्र में चीटियों के प्रवेश की दिशा को उनके प्रभाव को समझने में महत्वपूर्ण माना गया है। यदि काली चीटियां उत्तर दिशा से घर में आती हैं, तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि उत्तर दिशा कुबेर और धन की दिशा है। यह समृद्धि और सुख में वृद्धि का संकेत देता है।
दक्षिण दिशा से आने वाली चीटियां धन के नए अवसरों की ओर इशारा करती हैं, जबकि पूर्व दिशा से प्रवेश करने वाली चीटियां सकारात्मक सूचनाएं या मेहमानों के आगमन का संकेत देती हैं। पश्चिम दिशा से आने वाली चीटियां यात्रा या स्थान परिवर्तन की संभावना दर्शाती हैं। इसके विपरीत, यदि चीटियां ऊपर से नीचे की ओर जाती दिखें, तो यह अशुभ माना जाता है और यह धन हानि या मुश्किलों का संकेत हो सकता है। वहीं, नीचे से ऊपर की ओर जाने वाली चीटियां प्रगति और उन्नति का प्रतीक हैं।
शास्त्रों में बताए गए हैं उपाय
शास्त्रों में चीटियों से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं, जो जीवन में सकारात्मकता लाने और अशुभ प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं। काली चीटियों को आटा और चीनी का मिश्रण या शहद खिलाना एक प्रभावी उपाय माना जाता है। यह न केवल पुण्य अर्जित करवाता है, बल्कि आर्थिक समस्याओं और कर्ज से राहत दिलाने में भी मदद करता है।
इसके साथ ही नारियल को दो हिस्सों में काटकर उसमें शहद और घी भरकर चीटियों के बिल के पास रखना चाहिए। यह उपाय नौकरी प्राप्ति और वित्तीय स्थिरता के लिए लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि किसी भी जीव को नुकसान पहुंचाना अनुचित है, इसलिए चीटियों को मारने से बचना चाहिए।
किन ग्रहों का प्रतीक हैं चीटियां?
हिंदू शास्त्रों में चीटियों को शनि और राहु से जोड़ा गया है। काली चीटियां शनि की सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं, जबकि लाल चीटियां राहु की नकारात्मक ऊर्जा से संबंधित हैं। शकुन शास्त्र में चीटियां भविष्य की घटनाओं की सूचक मानी गई हैं।
रसोई में चावल या अनाज के बर्तन में काली चीटियों का समूह धन और समृद्धि का संकेत देता है, जबकि लाल चीटियों का बिना उद्देश्य भटकना विवाद या हानि का प्रतीक है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि चीटियों को भोजन देना इष्ट देव की कृपा प्राप्त करने का एक तरीका है। यह कार्य न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि जीवन की बाधाओं को दूर करने में भी मदद करता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
ये भी पढ़ें- घर में कबूतर की मृत्यु शुभ या अशुभ, जानिए क्या कहते हैं ग्रंथ?