Bathing Astro Tips: ज्योतिष शास्त्र में स्नान को केवल शरीर की स्वच्छता भर नहीं माना गया है, बल्कि यह ग्रहों को संतुलित रखने का एक सरल तरीका भी है। रोज नहाना मन, शरीर और भाग्य, इन तीनों को प्रभावित करता है। कई लोग सर्दियों या व्यस्तता में नहाना छोड़ देते हैं, लेकिन ज्योतिष के अनुसार ऐसा करना कई ग्रहों को कमजोर कर देता है। हिन्दू धर्म में स्नान को ऊर्जा शुद्धि का सबसे आसान उपाय माना गया है, जो नकारात्मकता दूर कर आभा को चमकदार बनाता है। नियमित स्नान से दिन की शुरुआत अधिक हल्की, स्पष्ट और सकारात्मक होती है। आइए जानते हैं, रोज नहीं नहाने से किस ग्रह का असर होता है?
रोज नहाने से शुक्र ग्रह रहता है चमकदार
शुक्र विलासिता, सौंदर्य, आकर्षण और प्रेम का ग्रह है। कहते हैं कि शरीर की गंदगी और नियमित स्नान न करने से शुक्र कमजोर होने लगता है। इसका असर सबसे पहले चेहरे पर दिखाई देता है। चेहरे की चमक कम होती है, आकर्षण घटता है और रिश्तों में तनाव बढ़ता है। आर्थिक लाभ में रुकावटें भी इसी ग्रह की कमजोरी से जुड़ी होती हैं। इसलिए अगर शुक्र को मजबूत रखना है, तो रोज स्नान बेहद जरूरी है।
चंद्रमा को शांत रखता है रोज का स्नान
चंद्रमा मन, भावनाओं और नींद का कारक है। जब शरीर पर मैल जमा हो या हम कई दिनों तक स्नान न करें, तो माना जाता है कि चंद्र कमजोर होता है। इससे मन बेचैन, चिड़चिड़ा और नकारात्मक होने लगता है। नींद में कमी और भावनात्मक असंतुलन भी इससे जुड़ा है। सुबह का स्नान मन को तुरंत शांत करता है और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है।
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गंदगी बढ़ाती है राहु का प्रभाव
राहु गंदगी, अव्यवस्था और भ्रम का ग्रह माना जाता है। जब शरीर या वातावरण में गंदगी रहती है, तो राहु का अशुभ प्रभाव सक्रिय होता है। इससे अचानक रुकावटें, अनचाहे विवाद, दुर्घटना का भय और आत्मविश्वास में गिरावट महसूस हो सकती है। स्नान के जरिए न केवल शरीर बल्कि व्यक्ति की ऊर्जा भी शुद्ध होती है, जिससे राहु के प्रभाव कम होते हैं।
स्नान से लग्न स्वामी मिलती है शक्ति
ज्योतिष मानता है कि रोज स्नान करने से लग्न स्वामी मजबूत होता है। इससे व्यक्तित्व निखरता है, तेज बढ़ता है और नजरदोष का प्रभाव घटता है। स्नान से शनि और मंगल भी संतुलित रहते हैं, जिससे मेहनत, साहस और स्वास्थ्य बेहतर होता है। यह एक ऐसा उपाय है जो बिना किसी खर्च के ग्रहों को स्थिर करता है।
गंगाजल मिलाकर स्नान
अगर रोजाना स्नान के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिला लिया जाए, तो उसका फल कई गुना बढ़ जाता है। यह एक बेहद शक्तिशाली उपाय है। यह शरीर और मन की शुद्धि करता है। मान्यता है कि इससे पुराने पाप कटते हैं और पुण्य बढ़ता है। इससे सभी ग्रह प्रसन्न रहते हैं और व्यक्ति के जीवन में सुगमता आती है।
मंत्र-तिलक से स्नान का प्रभाव बढ़ाएं
नहाते समय ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु’ मंत्र बोलें। यह स्नान को तीर्थ-स्नान के बराबर शुभ माना जाता है। स्नान के बाद चंदन या केसर का तिलक लगाएं और सूर्य को जल चढ़ाएं। इससे सूर्य और चंद्र दोनों ग्रह मजबूत होते हैं और पूरे दिन सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










