Bageshwar Dham Upay: हिन्दू धर्म में सप्ताह का हर दिन अपने आप में खास है और किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। बुधवार का दिन विशेष तौर पर भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन जो व्यक्ति सच्चे में से विघ्नहर्ता गणपति को याद करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। व्रत के अलावा अगर उपाय और पूजा-अर्चना को अपनाते हैं तो हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है और घर में मंगल कार्य होते रहते हैं। यहां तक कि भगवान गणेश की दोनों पत्नी रिद्धि-सिद्धि के साथ-साथ दोनों पुत्र शुभ और लाभ का भी घर में वास होता है।
मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम सरकार और पीठाधीश्वर महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में हर कोई जानता है और इनके बताए गए उपायों को भी लोग अपनाना पसंद करते हैं। नौकरी में प्रमोशन से लेकर संतान सुख की प्राप्ति के लिए लोगों महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा बताए गए उपायों को अपनाना पसंद करते हैं। कहा जाता है कि इनके बताए गए उपायों से लोग अपना भाग्य बदल सकते हैं और किस्मत को चमका कर सफलता हासिल कर सकते हैं। आज हम आपको बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री द्वारा बताए गए बुधवार का उपाय बताने जा रहे हैं।
बुधवार का उपाय
बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार आप बुधवार को गणपति को खुश करने के लिए उपाय अपना सकते हैं। आपको बुधवार को दूर्वा घास लेनी है और उसकी माला बनाकर गणपति जी को चढ़ानी है, आप चाहें तो गणेश जी को दूर्वा घास की माला भी पहना सकते हैं। ऐसा करने से आप पर गणेश जी और उनकी पत्नियां रिद्धि-सिद्धि की कृपा बनी रहेगी। साथ ही उस व्यक्ति के घर से कभी भी रिद्धि-सिद्धि नहीं जाती है।
गणेश जी को दूर्वा घास चढ़ाने का मंत्र
गणेश जी को दूर्वा घास की माला के अलावा आप दूर्वा घास अर्पित कर सकते हैं। इस दौरान आप एक मंत्र भी जरूर बोलें। भगवान गणेश जी की पूजा करने के दौरान उन्हें दूर्वा घास अर्पित करते समय ‘श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि’ मंत्र का भी आप जाप कर सकते हैं। इस मंत्र से आप पर भगवान गणेश की भी खास कृपा बनी रहेगी।
दूर्वा घास की गांठ कैसे बनाए?
गणपति जी को दूर्वा घास की गांठ भी अर्पित की जाती है। 11 गांठों को बनाने के लिए 22 दूर्वा घास की जरूरत होगी, जिसे एक साथ जोड़कर आप 11 जोड़ों को तैयार कर पाएंगे। ऐसे में 11 गांठ तैयार हो जाएंगी और इन्हें आप गणेश जी को अर्पित कर सकते हैं। किसी मंदिर के बगीचे में उगी हुई या किसी साफ जगह पर उगी हुई दूर्वा ले सकते हैं। दूर्वा चढ़ाने से पहले साफ पानी से इसे धो लेना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।