22 जनवरी 2024 को अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा की गई थी। अब करीब 1 साल के बाद 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर राम दरबार की स्थापना की जाएगी। इसके बाद जून 2025 में तीन दिवसीय भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी है कि अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना 30 अप्रैल को होनी है, जिसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की प्रतिमाएं मंदिर के गर्भगृह में उनके निर्धारित स्थानों पर स्थापित की जाएंगी। ये सभी मूर्तियां जयपुर में मकराना सफेद संगमरमर से बनाई गई हैं और अब अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया में हैं। मूर्तियों का श्रृंगार वस्त्रों और आभूषणों से किया जा रहा है।
18 से अधिक मूर्तियों की होगी स्थापना
चंपत राय के अनुसार रामदरबार परकोटा में सूर्य देव, भगवती, अन्नपूर्णा, शिवलिंग, गणेश जी और हनुमान जी के मंदिर भी बनेंगे। लक्ष्मण जी की मूर्ति शेषावतार मंदिर में स्थापित होगी। इसके साथ ही महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य मुनि, शबरी, अहिल्या और निषादराज की मूर्तियों की स्थापना सप्त मंडप में की जाएगी। जून महीने में जब सभी ट्रस्टी एकत्रित होंगे तब तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम किया जाएगा। इसमें जलवास, अन्नवास, औषधिवास और शैय्या आदि की विधियां शामिल होंगी।
बनेंगे चार भव्य द्वार
राम मंदिर में चार भव्य द्वार बनाए जा रहे हैं।
1- उत्तर दिशा का द्वार
2- क्रॉसिंग 11 का द्वार
3- क्रॉसिंग 3 का द्वार
4- राम जन्मभूमि का मुख्य प्रवेश द्वार
इनके नाम भारत की चार प्रमुख आध्यात्मिक परंपराओं के अनुसार रखे जाएंगे। इनमें रामानुज परंपरा, शंकराचार्य परंपरा, माधवाचार्य परंपरा और रामानंदाचार्य परंपरा शामिल रहेंगी।। इससे भारत की आध्यात्मिक एकता का प्रतीक प्रकट होगा।
2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा परकोटा का निर्माण कार्य
परकोटे का निर्माण कार्य 2025 तक पूरा हो जाएगा। यदि दो-चार महीने एक्स्ट्रा भी लगते हैं, तो इसे ‘रोलिंग पीरियड’ कहा जाएगा। वहीं, शेषावतार मंदिर का कार्य मुख्य प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पूरा किया जाएगा। मंदिर के अंदर टावर क्रेन हटा दी गई है। इसका अर्थ है कि अब गर्भगृह और अंदरुनी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
शिखर और दंड की स्थापना भी
शिखर का पूजन हो चुका है और अब जैसे-जैसे तैयारी पूरी होती जाएगी, उसे ऊपरी स्थान पर स्थापित किया जाएगा। भुजदंड भी आ चुके हैं और अब उनका सामूहिक पूजन कर स्थापना की जाएगी।
प्रयागराज और आंध्र प्रदेश के संतों की भी मूर्तियां
राम मंदिर परिसर में प्रयागराज के संत और आंध्र प्रदेश के संत पुरंदर दास की प्रतिमाएं भी लगाई जाएंगी। इसके अलावा गिलहरी की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी, जो रामसेतु निर्माण में गिलहरी के योगदान को दर्शाएगी।