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Ahoi Ashtami 2025, Shubh Muhurat Live Updates: हिंदू धर्म की संतानवती महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी के व्रत का खास महत्व होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो महिलाएं अहोई अष्टमी पर पूजा-पाठ करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं, उनके संतान के जीवन में आ रही परेशानियां कम होती हैं. साथ ही लंबी आयु, खुशहाल जीवन और तरक्की का आशीर्वाद मिलता है. दरअसल, देवी अहोई को भगवान शिव की पत्नी माता पार्वती का एक अवतार माना जाता है, जो समस्त जीवित प्राणियों के संतानों की रक्षक हैं.
हालांकि, अहोई अष्टमी का व्रत काफी कठिन होता है क्योंकि सूर्योदय से लेकर शाम तक निर्जला रहना होता है यानी दिनभर न तो कुछ खाना होता है और न ही पानी पीना होता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस बार ये व्रत आज यानी 13 अक्टूबर 2025, वार सोमवार को रखा जा रहा है.
अहोई अष्टमी व्रत की पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र और अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहें News24 के साथ…
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जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावतहर विष्णु विधाता॥
जय अहोई माता…॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमलातू ही है जगमाता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावतनारद ऋषि गाता॥
जय अहोई माता…॥
माता रूप निरंजनसुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावतनित मंगल पाता॥
जय अहोई माता…॥
तू ही पाताल बसंती,तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशकजगनिधि से त्राता॥
जय अहोई माता…॥
जिस घर थारो वासावाहि में गुण आता।
कर न सके सोई कर लेमन नहीं धड़काता॥
जय अहोई माता…॥
तुम बिन सुख न होवेन कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभवतुम बिन नहीं आता॥
जय अहोई माता…॥
शुभ गुण सुंदर युक्ताक्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकूकोई नहीं पाता॥
जय अहोई माता…॥
श्री अहोई माँ की आरतीजो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजेपाप उतर जाता॥
जय अहोई माता…॥
अहोई अष्टमी के पावन दिन अहोई माता को पूड़ी, हलवा, चने, खीर, छेना बर्फी, रलगुल्ले, सिंघाड़े और मीठे गुलगुले का भोग लगाना शुभ होता है.
अहोई अष्टमी व्रत की पूजा में अहोई माता की तस्वीर, पूजा की थाली, रोली, अक्षत, सात प्रकार के अनाज, घी, दीपक, बाती, जल, धूप की नाल, कलश, नारियल, आम के पत्ते, फल, फूल, सुपारी और कलावा होगा चाहिए.
अहोई अष्टमी के व्रत का आरंभ सूर्योदय से हो जाता है, इसलिए इससे पहले व्रती को स्नान आदि कार्य कर लेना चाहिए. द्रिक पंचांग के अनुसार, 13 अक्टूबर 2025 को सूर्योदय प्रात: काल 6 बजकर 36 मिनट पर होगा. ऐसे में इससे पहले ही स्नान आदि कार्य कर लें. वहीं, पूजा का प्रातः सन्ध्या मुहूर्त सुबह 05:20 से लेकर 06:33 मिनट तक है. बता दें कि अहोई अष्टमी की पूजा सुबह और शाम दोनों समय की जाती है. इस दिन शाम में अहोई माता की पूजा का शुभ मुहूर्त 06:16 मिनट से लेकर 07:30 मिनट तक है.
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