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Surya Dev ki Aarti | ऊँ जय सूर्य भगवान… छठ पूजा के दौरान जरूर पढ़ें सूर्य देव की आरती, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल

Surya Dev Ki Aarti Lyrics: सूर्य देव की पूजा के दौरान उनकी आरती की जाती है, जो कि आदर और सम्मान प्रकट करने का तरीका है. खासकर, छठ पूजा, संक्रांति और रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव की उपासना के दौरान आरती करनी चाहिए. चलिए जानते हैं सूर्य देव की सही और संपूर्ण आरती के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Updated: Oct 23, 2025 17:46
Surya Dev Ki Aarti Lyrics In Hindi
Credit- News24 Graphics

Surya Dev Ki Aarti Lyrics In Hindi: सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना जाता है, जिनकी कृपा से व्यक्ति को मान-सम्मान, उच्च पद, अच्छे स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है. इसके अलावा आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है. इसलिए कई लोग रोजाना सूर्य देव की उपासना करते हैं. वहीं, जो लोग रोजाना सूर्य देव की पूजा नहीं कर पाते हैं, उन्हें रविवार को जरूर करनी चाहिए क्योंकि यह दिन उन्हीं को समर्पित है. इसके अलावा छठ पूजा, संक्रांति और रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा करना शुभ होता है.

पूजा के दौरान सूर्य देव की आरती पढ़ना या सुनना भी उत्तम होता है. इससे न सिर्फ सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, बल्कि कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति भी मजबूत होती है. चलिए अब जानते हैं सूर्य देव की आरती के सही लिरिक्स के बारे में.

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सूर्य देव की आरती (Surya Dev Ki Aarti In Hindi)

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

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धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Oct 23, 2025 05:46 PM

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