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Chandra Dev Chalisa | चंद्र देव चालीसा: जय जय स्वामी श्री जिन चंदा… Chandra Dev Chalisa In Hindi

Chandra Dev Chalisa In Hindi: चंद्र देव की विशेष कृपा से व्यक्ति को हर काम में सफलता मिलती है. साथ ही स्वास्थ्य अच्छा रहता है. यदि आप भी चंद्र देव को खुश करना चाहते हैं तो उन्हें समर्पित चालीसा सुनें या पढ़ें. चलिए जानते हैं चंद्र देव की चालीसा के सही लिरिक्स के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Nov 8, 2025 09:08
Chandra Dev Chalisa
Credit- Social Media

Chandra Dev Chalisa Lyrics In Hindi: सनातन धर्म में नवग्रहों की पूजा का खास महत्व है. माना जाता है कि जो लोग नियमित रूप से 9 ग्रहों की उपासना करते हैं, उन्हें जीवन में तमाम सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है. चंद्र ग्रह को भी नवग्रहों में से एक माना जाता है, जिनकी पूजा चंद्र देव के रूप में भी की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से चंद्र देव की पूजा करते हैं या जिनकी कुंडली में चंद्र ग्रह मजबूत स्थिति में होता है, वो बात-बात पर टेंशन नहीं लेते हैं. उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और सभी कार्यों में सफलता मिलती है. इसके अलावा व्यक्ति अपनी माता के करीब होने लगता है.

चंद्र देव को खुश करने के लिए उन्हें समर्पित चालीसा सुनना व पढ़ना अच्छा रहता है. अगर आप भी चंद्र देव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो यहां चंद्र देव की चालीसा के लिरिक्स पढ़ सकते हैं.

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चंद्र देव की चालीसा (Chandra Dev Chalisa In Hindi)

दोहा

शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करूं प्रणाम।।
उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम।।
सर्व साधु और सरस्वती, जिन मंदिर सुखकर।।
चन्द्रपुरी के चन्द्र को, मन मंदिर में धार।।

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।। चौपाई ।।

जय-जय स्वामी श्री जिन चन्दा, तुमको निरख भये आनन्दा।
तुम ही प्रभु देवन के देवा, करूँ तुम्हारे पद की सेवा।।
वेष दिगम्बर कहलाता है, सब जग के मन भाता है।
नासा पर है द्रष्टि तुम्हारी, मोहनि मूरति कितनी प्यारी।।
तीन लोक की बातें जानो, तीन काल क्षण में पहचानो।
नाम तुम्हारा कितना प्यारा , भूत प्रेत सब करें निवारा।।
तुम जग में सर्वज्ञ कहाओ, अष्टम तीर्थंकर कहलाओ।।
महासेन जो पिता तुम्हारे, लक्ष्मणा के दिल के प्यारे।।
तज वैजंत विमान सिधाये, लक्ष्मणा के उर में आये।।
पोष वदी एकादश नामी, जन्म लिया चन्दा प्रभु स्वामी।।
मुनि समन्तभद्र थे स्वामी, उन्हें भस्म व्याधि बीमारी थी।।
वैष्णव धर्म जभी अपनाया, अपने को पण्डित कहाया।।
कहा राव से बात बताऊं, महादेव को भोग खिलाऊं।।
प्रतिदिन उत्तम भोजन आवे, उनको मुनि छिपाकर खावे।।
इसी तरह निज रोग भगाया, बन गई कंचन जैसी काया।।
इक लड़के ने पता चलाया, फौरन राजा को बतलाया।।
तब राजा फरमाया मुनि जी को, नमस्कार करो शिवपिंडी को।।
राजा से तब मुनि जी बोले, नमस्कार पिंडी नहिं झेले।।
राजा ने जंजीर मंगाई, उस शिवपिंडी में बंधवाई।।
मुनि ने स्वयंभू पाठ बनाया, पिंडी फटी अचम्भा छाया।।
चन्द्रप्रभ की मूर्ति दिखाई, सब ने जय-जयकार मनाई।।
नगर फिरोजाबाद कहाये, पास नगर चन्दवार बताये।।
चन्द्रसैन राजा कहलाया, उस पर दुश्मन चढ़कर आया।।
राव तुम्हारी स्तुति गई, सब फौजो को मार भगाई।।
दुश्मन को मालूम हो जावे, नगर घेरने फिर आ जावे।।
प्रतिमा जमना में पधराई, नगर छोड़कर परजा धाई।।
बहुत समय ही बीता है कि, एक यती को सपना दिखा।
बड़े जतन से प्रतिमा पाई, मन्दिर में लाकर पधराई।।
वैष्णवों ने चाल चलाई, प्रतिमा लक्ष्मण की बतलाई।।
अब तो जैनी जन घबरावें, चन्द्र प्रभु की मूर्ति बतावें।।
चिन्ह चन्द्रमा का बतलाया, तब स्वामी तुमको था पाया।
सोनागिरि में सौ मन्दिर हैं, इक बढ़कर इक सुन्दर हैं।।
समवशरण था यहां पर आया, चन्द्र प्रभु उपदेश सुनाया।
चन्द्र प्रभु का मंदिर भारी, जिसको पूजे सब नर-नारी।।
सात हाथ की मूर्ति बताई, लाल रंग प्रतिमा बतलाई।।
मंदिर और बहुत बतलाये, शोभा वरणत पार न पाये।।
पार करो मेरी यह नैया, तुम बिन कोई नहीं खिवैया।।
प्रभु मैं तुमसे कुछ नहीं चाहूं, भव-भव में दर्शन पाऊँ।।
मैं हूं स्वामी दास तिहारा, करो नाथ अब तो निस्तारा।।
स्वामी आप दया दिखलाओ, चन्द्रदास को चन्द्र बनाओ।।

।।सोरठ।।

नित चालीसहिं बार, पाठ करे चालीस दिन।।
खेय सुगन्ध अपार, सोनागिर में आय के।।
होय कुबेर सामान, जन्म दरिद्री होय जो।।
जिसके नहिं संतान, नाम वंश जग में चले।।

चंद्र देव की चालीसा पढ़ने व सुनने के लाभ (Chandra Dev Chalisa Benefits)

  • मानसिक शांति मिलती है.
  • जीवन में अचानक परेशानियां नहीं आती हैं.
  • सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है.
  • ज्ञान और विवेक में बढ़ोतरी होती है.
  • स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 08, 2025 09:06 AM

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