Chhathi Maiya Ki Aarti Lyrics In Hindi: सनातन धर्म के लोगों के लिए छठ पर्व का महत्व है, जो कि 4 दिवसीय महापर्व है. इस दौरान सूर्य देव और छठी मईया की पूजा की जाती है. साथ ही निर्जला व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, छठी मईया सूर्य देव की बहन और ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं, जिनकी पूजा करने से लंबी उम्र, खुशहाल जीवन और निरोगी का आशीर्वाद मिलता है.
छठी मईया की पूजा करने के साथ-साथ उनकी आरती पढ़ना या सुनना भी शुभ माना जाता है. इससे भक्तों को और उनके बच्चों को माता रानी का विशेष आशीर्वाद मिलता है. आइए अब जानते हैं छठी मईया की आरती के सही लिरिक्स के बारे में.
छठी मईया की आरती (Chhathi Maiya Ki Aarti In Hindi)
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए ॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला घवद से, ओह पर सुगा मंडराए ॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ॥जय॥
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