विपिन श्रीवास्तव, धार: मध्य प्रदेश के धार जिले की मनावर विधानसभा से भाजपा की नेत्री पूर्व मंत्री रंजना बघेल ने पार्टी द्वारा टिकट न मिलने पर कहा कि मेरे साथ अन्याय हुआ है। मैंने भाजपा को अपने 30 साल दिए हैं और पार्टी को इस क्षेत्र में खड़ा करने में मेरा बड़ा योगदान है लेकिन, कैलाश विजयवर्गीय ने मेरा विरोध करके मेरा टिकट कटवाया है। वह आनंद राय से मिले हुए हैं, मुझे बहुत पीड़ा है और बहुत दुख हो रहा है। मैं कल विचार करुंगी कि मुझे क्या करना है।
मेरे साथ अन्याय किया गया
इस दौरान रंजना बघेल ने मीडिया से रूबरू होने पर कहा कि मैं 16-17 घंटे पार्टी के लिए काम करती हूं। पुराने सभी कार्यकर्ताओं को टिकट दिया गया लेकिन, मेरे साथ अन्याय किया गया और मेरा टिकट काट दिया गया। मैंने पिछले 30 वर्षों से बीजेपी को क्षेत्र में स्थापित करने में बहुत काम किया है। मैं चार से पांच विधानसभाओं को देखती थी और दूसरी बात मैंने कार्यकर्ताओं को सेवा दी, मैं ही गोपाल कनौज को कांग्रेस पार्टी से लाई थी। उसको कुछ लोगों ने 2013 में मेरे खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़वाया। इस दौरान बहुत संघर्ष किया मैंने और कोर्ट में रिपीटेशन भी लगाई, कोर्ट में रिपीटीशन लगाने के बाद में जीत भी गई थी। उसका लड़का जॉब कर रहा है, जिसने बूथ लेवल पर काम नहीं किया था, जिसका भारतीय जनता पार्टी में कोई योगदान नहीं है, जो जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा है।
विजयवर्गीय ने मेरा विरोध कर टिकट कटवाया
रंजना बघेल ने कहा कि वह तो भारतीय जनता पार्टी का एरिया है, वहां झूमा सोलंकी एक साधारण महिला अच्छे खासे वोटों से जीती थीं। इतना काम करने के बाद भी मेरे साथ जो अन्याय हुआ है वह मेरे लिए बहुत ही पीड़ा दायक है, जो मेरे साथ हुआ है वह बहुत गलत हुआ है अन्याय की वजह यह है कि मैं डॉक्टर राय के पास लड़ने गई थी भाजपा के लिए। जयस राय बीजेपी के हमेशा विरोध में जाता था, मैंने दादागिरी की थी झगड़ा किया था वह डॉक्टर राय कैलाश विजयवर्गीय से मिला हुआ है और उसने कहा है मेरे को टिकट नहीं दिलाना चाहिए और कैलाश विजयवर्गीय ने मेरा विरोध करके मेरा टिकट कटवाया है। उन्होंने आगे कहा कि अगला कदम मेरा यह है कि 755 मजरों से कार्यकर्ताओं का लगातार फोन आ रहा है मैं देखूंगी की क्या करना है।
कार्यकर्ता कह रहे दीदी आपको चुनाव लड़ना है
रंजना ने कहा कि कल हम विचार करेंगे, जिसकी कोई योग्यता नहीं है उसको टिकट दे दिया पुराने सभी लोगों को टिकट दिए मात्र मेरे अकेले का टिकट काट दिया गया। मैं आदिवासी नेता हूं, मैं 30 साल से काम कर रही हूं, मैं पिछले 8 साल कुछ भी नहीं हूं, मुझे दूध में मक्खी की तरह निकाल रखा है, उसके बाद भी मैंने भाजपा का काम किया है। मैं आदिवासी हूं शायद इसलिए मेरे साथ अन्याय हो रहा है, मैं पार्टी के कोई पद पर नहीं हूं, कल हम पार्टी के कार्यकर्ता बैठकर विचार करेंगे। सभी 755 मजरों के कार्यकर्ता कह रहे हैं कि दीदी आपको चुनाव लड़ना है चाहे पार्टी टिकट दे या न दे, हम आपको चुनाव लड़वाएंगे।
बता दें कि 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जिन सीनियर 7 पूर्व मंत्रियों समेत 30 नेताओं को घर बैठाया गया था, उन्हें फिर से टिकट देने पर नई युवा लीडरशिप नाराज है, जिसे प्रदेश नेतृत्व ने चुनाव की तैयारी का आश्वासन दिया था, क्योंकि अब केंद्रीय नेतृत्व ने पूरी कमान संभाली है। 2018 चुनाव में 5 मंत्रियों के टिकिट कटे थे वहीं, इस बार 3 के टिकट काटे गए हैं, जबकि 2018 में 17 मंत्री हारे थे और अब 29 विधायकों 3 मंत्रियों के टिकट काटे गए हैं।