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क्या मध्य प्रदेश में कांग्रेस, बसपा और सपा एक होने जा रहे? कहीं भाजपा को हराने की रणनीति का हिस्सा तो नहीं

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस, बसपा और सपा में एक बार फिर नए सिरे से मंथन शुरू हो गया है और अब तो कई प्रत्याशियों को बदलने और आपसी समझौते को लेकर भी चर्चाएं तेज पकड़ रही हैं।

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Oct 26, 2023 10:37
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Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे ही चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। इस दौरान पार्टियों द्वारा सत्ता हासिल करने के नई-नई रणनीति भी बनाई जा रही है। इसी बीच मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस, बसपा और सपा में एक बार फिर नए सिरे से मंथन शुरू हो गया है और अब तो कई प्रत्याशियों को बदलने और आपसी समझौते को लेकर भी चर्चाएं तेज पकड़ रही हैं।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में समझौते की कवायद चली और कांग्रेस ने सपा को कुछ सीटें देने का वादा भी किया और इसके लिए कई दौर की बातचीत भी चली, लेकिन बाद में कांग्रेस अपने वादे से मुकर गई, जिसके वजह से दोनों ही पार्टियों में मन-मुटाव हो गया।

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कांग्रेस को हो सकता है नुकसान

अगर प्रदेश के सियासी हालात पर गौर करें तो कांग्रेस के अलावा सपा और बसपा के प्रत्याशियों के बड़ी तादाद में मैदान में उतरने से कांग्रेस को ही नुकसान होने वाला है। इस बात से कांग्रेस वाकिफ है और यही कारण है कि कांग्रेस का रुख कुछ नरम हो चला है। इसके लिए कांग्रेस की ओर से सपा और बसपा से संपर्क साधा जा रहा है, इसके साथ ही कुछ सीटों से सपा तथा बसपा से प्रत्याशी हटाए जाने का आग्रह भी हो सकता है, तो वहीं कुछ सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार हटाकर वे सीटें सपा और बसपा को भी दे सकती है।

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समझौते के रास्ते पर बढ़ने की कोशिश

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक है सपा और बसपा के द्वारा बड़ी संख्या में उम्मीदवार मैदान में उतारे जाने से कई सीटों पर कांग्रेस की बढ़त पर असर पड़ने के आसार हैं और यही वजह है कि अब कांग्रेस समझौते के रास्ते पर बढ़ने की कोशिश कर रही है। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस के कुछ नेताओं को इस बात का आभास होने लगा था कि सपा और बसपा उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएगी, मगर जो जमीनी फीडबैक आया है उससे इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि बुंदेलखंड और बघेलखंड की लगभग 50 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जिन पर समीकरण खराब हो सकता है।

 

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Edited By

Shailendra Pandey

First published on: Oct 26, 2023 10:37 AM

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