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गोवा में जमीन हथियाने का विवाद गरमाया, विपक्ष ने CM प्रमोद सावंत को घेरा, कहा- 93 मामलों में सिर्फ 22 FIR

Goa Land Scam: गोवा में जमीन हथियाने के विवाद में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। विजय सरदेसाई की अगुवाई में विपक्ष ने धीमी जांच पर सवाल उठाए हैं।

Edited By : Rahul Pandey | Updated: Jul 27, 2024 16:35
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गोवा के सीएम प्रमोद सावंत विपक्ष के निशाने पर हैं। फाइल फोटो
गोवा के सीएम प्रमोद सावंत विपक्ष के निशाने पर हैं। फाइल फोटो

Goa Land Scam Latest Update: साउथ गोवा के फतोर्दा से विधायक और राज्य के कद्दावर नेता विजय सरदेसाई ने एक बार फिर मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया है। दरअसल गैरकानूनी तरीके से ज़मीन हड़पने के मामले में सुस्त सरकारी कार्रवाई के चलते मुख्यमंत्री आलोचकों के निशाने पर हैं। सरदेसाई ने सावंत पर इस मामले के लिए नियुक्त एक सदस्यीय आयोग को अप्रभावी रूप से काम करने की अनुमति देने का आरोप लगाया।

विजय सरदेसाई ने कहा कि आयोग आया, कमीशन लिया और चला गया। आयोग के पास विभाग के भीतर की कमियों की पहचान करने का सीमित अधिकार है। उसके पास कार्रवाई करने का कोई वास्तविक अधिकार नहीं है। भूमि हड़पने के 93 मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन केवल 22 मामलों में ही एफआईआर दर्ज़ की गई है। फतोर्दा विधायक ने गोवा सीएम को उनका आश्वासन भी याद दिलाया।

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वादों के हकीकत में बदलने का इंतजार

बता दें कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा के लोगों को आश्वासन दिया था कि जमीन हड़पने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही हड़पी और बेची गई जमीन विशेष जांच दल यानी एसआईटी (SIT) द्वारा उसके असली मालिकों को वापस कर दी जाएगी। हालांकि लोगों को अभी भी मुख्यमंत्री द्वारा किये गए वादों के हकीकत में बदलने का इंतजार है।

जून 2022 में रिटायर्ड जस्टिस वी.के. जाधव के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग को गोवा में धोखाधड़ी वाले भूमि सौदों के आरोपों की जांच के लिए नियुक्त किया गया था। इस आयोग ने नवम्बर, 2023 में सीएम प्रमोद सावंत को अपनी रिपोर्ट सौंपी, लेकिन इस रिपोर्ट पर गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया गया। न ही सभी मामलों में कानूनी कार्रवाई की गई है।

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विपक्ष के आरोप मनगढ़ंत

आयोग की पहली बैठक जनवरी 2023 में हुई थी, जब गोवा क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने राज्य में 1.5 लाख वर्ग मीटर के 93 भूखंडों से जुड़े भूमि हड़पने के 111 मामले दर्ज किए। हालांकि इसके बाद कोई ठोस कार्रवाई सरकार की तरफ से नहीं की गई। सरदेसाई के सुर में सुर मिलाते हुए दूसरे विधायक नीलेश कैबरल ने भी इस मामले में धीमी जांच पर सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष ने मामले में जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग की है। दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि विपक्ष जो आरोप लगा रहा है कि वे पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं।

गोवा भाजपा के प्रवक्ता गिरिराज ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को मामले की जांच नहीं करवानी होती तो SIT का गठन नहीं करवाते। SIT का गठन ही जांच करवाने के लिए बड़ा कदम है। ऐसा भी नहीं है कि SIT में किसी सरकारी आदमी को बिठाया गया है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच कर रहे हैं। मामला सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं है। यह गोवा में कई जगहों से जुड़ा है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी। वैसे-वैसे कार्रवाई भी की जाएगी।

First published on: Jul 27, 2024 04:35 PM

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