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राजनीति

गोवा में इस बिल को लेकर क्यों मचा है विवाद? जानें विधेयक का क्या पड़ेगा असर

Goa News : गोवा में इन दिनों एक विधेयक को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। सरकार ने विधानसभा में आईपीबी (निवेश संवर्धन बोर्ड) अधिनियम बिल पेश किया। इसके तहत विकास और निर्माण समिति की स्थापना होगी, जोकि राज्य की व्यवस्थाओं में सुधार करेगी।

Author Edited By : Rahul Pandey Updated: Aug 3, 2024 19:16
Pramod Sawant
सीएम प्रमोद सावंत। (File Photo)

Goa IPB Act Controversy : गोवा विधानसभा के मानसून सत्र में प्रमोद सावंत सरकार ने आईपीबी अधिनियम विधेयक पेश किया। भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए आईपीबी बिल को लेकर विवाद मचा हुआ है। विधयेक का विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि विधेयक गोवा में शासन के लोकतांत्रिक सिद्धांतों और नौकरशाही ढांचे को खतरा पैदा कर सकता है।

क्या है IPB एक्ट?

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विधेयक में योजना, विकास और निर्माण समिति की स्थापना का प्रस्ताव है, जिसमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, पंचायत/नगरपालिका, स्वास्थ्य, अग्नि, वन, तटीय विनियमन क्षेत्र CRZ और कलक्टरों समेत विभिन्न विभागों के प्रमुख शामिल होंगे। इस समिति के पास गोवा भूमि राजस्व संहिता, गोवा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम और गोवा अधिनियम जैसे विभिन्न अधिनियमों के तहत आवेदनों पर निर्णय लेने और उनका निपटान करने के लिए व्यापक अधिकार होंगे।

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कैसे काम करेगा विधेयक

एक ही समिति के तहत शक्ति की केंद्रीकरण प्रणाली में नियंत्रण और संतुलन को लेकर चिंता व्यक्त करती है। इसके अलावा समिति राज्य कानूनों के तहत सक्षम अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों को करेगी, जिसमें कलेक्टर, मुख्य नगर नियोजक, योजना और विकास प्राधिकरण, ग्राम पंचायत, गोवा नगर पालिका अधिनियम के तहत मुख्य अधिकारी और पणजी निगम अधिनियम के तहत आयुक्त द्वारा निभाई जाने वाली भूमिकाएं शामिल हैं।

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विपक्ष बोला- लोकतांत्रिक शासन के अखंडता पर पड़ेगा असर

गोवा में विधानसभा की पटल जब सरकार ने इस विधेयक को रखा तो इस पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए। विपक्ष के नेता और विधायक बीरेश बोरकर ने कहा कि मेरा सरकार से प्रश्न है कि क्या इस एक्ट से गोवा के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे या फिर बाहर से आए लोगों को तवज्जों दी जाएगी? क्या राज्य के लोगों को अभिव्यक्ति स्वतंत्रता मिलेगी? वहीं, गोवा फारवर्ड पार्टी के विधायक ने भी इस विधेयक के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि लोकतांत्रिक शासन और उसके अखंडता पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।

First published on: Aug 03, 2024 07:16 PM

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