विवेक शुक्ला, नई दिल्ली
ईस्ट दिल्ली का एक पार्क… वक्त होगा दोपहर डेढ़-दो बजे का। एक पेड़ के नीचे तीन-चार लड़के बैठे हैं। उनकी कमजोर सेहत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये नशेड़ी हैं। ये स्मैक का नशा करने की तैयारी कर रहे होते हैं कि अचानक उनके पास पार्क का गार्ड आ जाता है। गार्ड उनको टोकता है और पार्क से खदेड़ देता है। कुछ समय पहले तक दिल्ली नगर निगम के मिंटो रोड पर स्थित सिविक सेंटर के बाहर दिनभर कुछ लोग नशा करने के बाद लड़-झगड़ रहे होते थे। अब वह नजारा देखने में नहीं आ रहा है। तिलक नगर, खिड़की एक्सटेंशन, छतरपुर आदि इलाकों में रहने वाले अफ्रीकी नागरिकों की हरकतों पर भी नजर रखी जा रही है।
माफिया बच्चों को कर रहा शामिल
इन लोगों के बारे में कहा जाता है कि ये दिन में घरों में रहते हैं और शाम ढलते ही मोटर साइकिलों पर नशा खरीदने-बेचने निकल जाते हैं। झुग्गी बस्तियों में भी नशे के सौदागर पकड़े जा रहे हैं। यह अभियान अचानक शुरू नहीं हुआ, बल्कि पुलिस को जब सुराग हाथ लगा है कि ड्रग माफिया झुग्गियों में रह रहे बच्चों को अवैध गतिविधियों में शामिल कर रहा है, तभी से इनके नेक्सेस को तोड़ने का काम शुरू हो गया है।
अमित शाह दे चुके हैं निर्देश
जानकारों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजधानी में नशे के धंधे पर काबू पाने के लिए जयसिंह रोड पर स्थित पुलिस हेडक्वार्टर से आला अफसरों को कई बार निर्देश दे चुके हैं। दरअसल नशे के सौदागरों को राजधानी बहुत मुफीद लगती है। यहां सारे देश से बड़ी संख्या में युवक पढ़ाई और नौकरी करने के लिए आते हैं। इन्हें नशा कारोबारी अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं। नशे की एक बार लत लगा देने के बाद ये रेगुलर ग्राहक बन जाते हैं। दिल्ली पुलिस ने कुछ समय पहले ऑपरेशन कवच के तहत करीब पांच दर्जन जगहों को नशे के हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया था।
पुलिस ने काबू किए थे 700 तस्कर
पुलिस ने 907 जगहों पर छापे मारकर 700 से अधिक नशा तस्करों को पकड़ा था। अब फिर से दिल्ली पुलिस ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ मिलकर एक अभियान शुरू किया है। इस बार दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड भी नशा विरोधी खोजी अभियान में शामिल है। एक बात दिल्ली पुलिस को भी अच्छी तरफ से पता होगी कि नशे के खिलाफ लड़ाई को ईमानदारी से लड़ना होगा। अमित शाह के निर्देशों के अलावा भी पुलिस को अपने स्तर पर एक्टिव रहना होगा, तब कहीं जाकर नशे के खिलाफ जंग में सफलता मिलेगी।
यह भी पढ़ें-सांसारिक सुखों को त्याग बने थे आजादी के परवाने, कांप उठी थी अंग्रेजों की सरकार
यह भी पढ़ें:कब रखेंगे हम बच्चों का नाम भगत सिंह! क्या वाकई बलिदान भूल गया है देश?