Slow Walking Habit: कहा जाता है कि चलना एक ऐसी एक्टिविटी है जो किसी की मानसिकता और व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बता सकती है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन जेरिएट्रिक्स सोसाइटी में प्रकाशित 2018 के एक अध्ययन के अनुसार , हमारी चलने की स्पीड हमारी कॉग्निटिव और इमोशनल स्थिति के बारे में बताती है। धीरे चलने वाले लोग खास कर के यूनिक साइकोलोजिस्ट लक्षण को दर्शाते हैं।
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि चलने की स्पीड इस बात से जुड़ी होती है कि हम दुनिया को कैसे देखते हैं। तेज चलने वाले अक्सर एफिशिएंसी को महत्व देते हैं। वहीं, धीमी गति चलने वाले लोग सावधानी और सतर्कता को महत्व दे सकते हैं। आइए जानते हैं जब कोई धीरे चलता है तो इसका मतलब और क्या हो सकता है?
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कैसे होते हैं धीरे चलने वाले लोग
धीरे चलने वाले लोग अक्सर इंट्रोवर्ट्स और सेल्फ-रिफ्लेक्शन के लक्षण को दर्शाता है। वे अपने आस-पास के माहौल और भावनाओं को समझने के लिए समय लेना पसंद कर सकते हैं। ये संकेत देता है कि आप हर चीज को लेकर सचेत रहते हैं। ऐसे लोग कोई भी फैसला लेने में जल्दबाजी नहीं करते हैं और किसी भी काम के बारे में सावधानी से सोच-विचार जरूर करते हैं।
धीरे चलने वाले लोग अक्सर अकेले में रहना पसंद करते हैं और अकेले में किसी भी गाने को फील करना उन्हे अच्छा लगता है। वे आम तौर पर सुर्खियों में नहीं आते हैं और इससे बचते हैं। सामाजिक एक्टिविटी में हिस्सा लेना इन्हें ज्यादा पसंद नहीं होता है।
हेल्थ होती है प्रभावित
हेल्थ को लेकर देखा जाए तो लगातार धीमी गति से चलना शारीरिक फिटनेस या सेडेंटरी लाइफस्टाइल का संकेत हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि किसी बूढ़े व्यक्ति का धीरे चलने का मतलब हो सकता है वह शारीरिक रूप से कमजोर हो। हालांकि धीमी गति से चलने वाले लोग निष्क्रिय या अस्वस्थ नहीं होते हैं। कई लोग धीरे इसलिए भी चलते हैं, क्योंकि वह माइंडफुलनेस को बढ़वा देना चाहते हैं और तनाव से दूर रहना चाहते हैं।
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