Parenting Tips Know How To Make Your Child Interested In Studying: बच्चों का मन पढ़ाई में न लगना तो सामान्य है, यदि बच्चे का मन बिल्कुल भी पढ़ाई में न लगे, तो यह तो माता-पिता के लिए चिंता का कारण भी बन जाता है। बच्चों की पढ़ाई को लेकर माता-पिता का चिंता करना गलत भी नहीं है, क्योंकि हर कोई अपने बच्चों का उज्ज्वल भविष्य चाहता है। इसी चाह में कई बार वे बच्चों के पढ़ाई में मन न लगने के कारण को समझ नहीं पाते हैं और उनपर पढाई को लेकर दवाब बनाने लगते है। जिसकी वजह से बच्चे चिढ़चिढ़े होने लगते है और पढ़ाई से भागने लगते है। ऐसे में इस लेख के जरिए हम बच्चों का मन पढाई में लगाने के उपाय बताएंगे।
1. बच्चे के प्रयास की सराहना करें
यदि बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो उसे डांटने की बजाय उसे समझाने की कोशिश करें। यदि वह कुछ गलती करे, तो उसे समझाएं। बच्चे को समय दें और उनके साथ बैठें व उनका होमवर्क कराने में उनकी मदद करें। बच्चे की छोटी-छोटी सफलता के लिए उनकी सराहना करें। साथ ही बच्चे को पढ़ाई के लिए अलग-अलग तरह से प्रेरित करें। उनसे बात करने की कोशिश करे। उनके स्कूल में क्या चल रहा है, इस बारे में भी उनसे बात करें।
2. बच्चे की नींद का रखें खास ख्याल
बच्चे का पढ़ाई में मन न लगने का एक कारण नींद पूरी न होना भी है। नींद पूरी न होने के कारण बच्चे का पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता है और उन्हें पढ़ाई के दौरान नींद आती रहती है। वहीं, सीडीसी के अनुसार, बच्चे के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। अगर बच्चे की नींद पूरी हो, तो एकाग्रता और शिक्षा में सुधार देखने को मिल सकता है। कम से कम 8 से 10 घंटे की नींद जरूरी है। ऐसे में बेहतर है कि बच्चे का एक टाइमटेबल सेट कर दें। इससे बच्चे की जीवनशैली में भी सुधार होगा और उनके पास खेलने, पढ़ाई करने और सोने के लिए भी पर्याप्त समय होगा।
3. व्यायाम या योग कराएं
यदि बच्चे की हेल्थ अच्छी होगी, तो वह पढ़ाई पूरे मन से कर पाएंगे। डब्लूएचओ के अनुसार, एक्सरसाइज करने से बच्चे की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पडता है। वहीं व्यायाम से एकाग्रता में भी सुधार हो सकता है ऐसे में बच्चे के हेल्दी रूटीन में व्यायाम या योग को शामिल करना उचित हो सकता है।
4. तनाव मुक्त रखें
कई पेरेंट्स अपने बच्चों पर पढ़ाई का बहुत ज्यादा दबाव डालते हैं। इसका बच्चों पर बुरा असर पड़ सकता है। कुछ बच्चों में तनाव बढ़ जाता है, जिसका उन पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है । इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं नहीं है कि तनाव के कारण बच्चे की पढ़ाई प्रभावित होती है। ऐसे में अपने बच्चे से बात कर यह जानने की कोशिश करें कि उन्हें कोई चिंताजनक बात परेशान तो नहीं कर रही है। वहीं, दूसरे बच्चों से अपने बच्चे की तुलना न करें।
5.मानसिक विकास के लिए खेलना भी है जरूरी
पढ़ाई करने के साथ-साथ बच्चों के लिए खेलना भी उतना ही जरूरी है। इससे बच्चे का मानसिक विकास तेज हो सकता है। इसके साथ ही उनका मूड भी फ्रेश हो सकता है (9)। ऐसे में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चे के खेलने को भी पूरी अहमियत देना आवश्यक है। बच्चे के मानसिक विकास के लिए बोर्ड गेम्स या बाहर खेलने वाली चीजों का सहारा ले सकते हैं। जिस तरह माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई का समय निर्धारित करते हैं। ठीक उसी तरह उनके खेलने का समय भी तय कर दें। इससे बच्चे का मूड बेहतर होगा और पढ़ाई में भी उसका मन लगेगा।