Mundkatiya Temple: भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता सिर्फ गांव, शहर या राज्य में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। भारत में कई ऐसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनके बारे में कुछ न कुछ दिलचस्प कहानियां सुनने को मिलती हैं। वैसे तो देशभर में भगवान गणेश के कई मंदिर हैं लेकिन उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक विचित्र मंदिर है। जहां भगवान गणेश की बिना सिर वाली मूर्ति की पूजा की जाती है। श्री गणेश के इस मंदिर को मुंडकटिया मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती है। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस मंदिर के दर्शन करने आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मुंडकटिया मंदिर की पौराणिक कथा
मान्यता के अनुसार एक दिन जब माता पार्वती गौरी कुंड में स्नान करने जा रही थीं, तो उन्होंने भगवान गणेश से कहा कि वे बाहर खड़े रहें और कोई भी अंदर न आए। जब भगवान गणेश दरवाजे पर खड़े थे तो कुछ देर बाद भवगन शिव आए और अंदर जाने लगे तो भगवान गणेश ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इससे भगवान शंकर क्रोधित हो गए और उन्होंने भगवान गणेश का सिर काट दिया।
ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव ने श्री गणेश का सिर काटा तो वह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गिरा। तभी से इस स्थान पर बिना सिर वाले गणपति की पूजा होने लगी। यह मंदिर त्रियुगी नारायण मंदिर के बहुत करीब है।
यहां भी जा सकते हैं
गौरी कुंड- मुंडकटिया मंदिर के आसपास घूमने लायक और भी कई जगहें हैं। आप यहां आकर गौरी कुंड के दर्शन कर सकते हैं, जो हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र स्थान माना जाता है।
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त्रियुगीनारायण मंदिर- रुद्रप्रयाग में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर बहुत पवित्र और प्राचीन मंदिर माना जाता है।
प्रकृति का आनंद लें- जिस स्थान पर मुंडकटिया मंदिर स्थापित है उसके आसपास आप बेहतरीन प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। यहां हर तरफ ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और हरियाली नजर आती है।
ऐसे पहुंचे मुंडकटिया मंदिर
बस से- दिल्ली, ऋषिकेश, देहरादून या हरिद्वार से बस लेकर मुंडकटिया मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले आपको सोनप्रयाग पहुंचना होगा और सोनप्रयाग से आप टैक्सी लेकर मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से- ट्रेन से जाने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। यहां से आप सोनप्रयाग तक बस या टैक्सी ले सकते हैं और फिर सोनप्रयाग से मुंडकटिया मंदिर तक जा सकते हैं। आप देहरादून रेलवे स्टेशन से भी जा सकते हैं।