How To Maintain Creativity: क्रिएटिविटी को सीखा तो जा सकता है, लेकिन इसे अपने अंदर बनाए रखना बहुत मुश्किल होता है। हो सकता है कि आपके मन में अचानक से क्रिएटिव बनने का भूत सवार हो जाए, लेकिन क्रिएटिविटी को पाने के लिए बस एक या दो दिन ही काफी नहीं हैं, बल्कि इसे बनाने में काफी समय लगता है। क्रिएटिविटी को आप अपने अंदर बनाए रख सकते हैं, इसके अलावा इसे और भी बढ़ाया जा सकता है।
इसके लिए पहले जरूरी है कि आपके पास एक प्रॉपर रूटीन बना हुआ हो और आप खुद के ऊपर बहुत ज्यादा भी दबाव न बनाते दें। क्रिएटिविटी न केवल संस्थान की सफलता के लिए जरूरी है बल्कि ये लीडर्स और उनकी टीम की प्रोग्रेस के लिए भी जरूरी है। एक मैनेजर के तौर पर ये आपकी जिम्मेदारी है कि आपकी टीम साधारण से अलग सोच रखें और हमेशा कुछ नया करने का उत्साह दिखाए। ऐसा करने के लिए इन बातों का ध्यान रखें तो टीम की सोच को और खुद को काफी हद तक बदल सकते हैं।
रूटीन से कुछ अलग सोच रखें
अगर आपको लगता है कि आपकी टीम क्रिएटिव रूप से काफी कमजोर है तो सबसे पहले तो इसकी वजह जानने की कोशिश करें। क्या रोज होने वाली रूटीन उनकी सोच को सीमित बना रही है? लगातार रूटीन फॉलो करना और नियमों का पालन करना हर किसी के विचार-मंथन को रोक भी सकता है। इसके लिए रोज होने वाली रेगुलर प्रोसेस को क्रिएटिव बात करने के दौरान हटाने की कोशिश की जा सकती है।
सेफ व कंफर्टेबल माहौल दें
रिसर्च बताते हैं कि माहौल का हमारी मेंटल हेल्थ पर बहुत ज्यादा असर होता है। अपने ऑफिस में मेंटली रूप से सुरक्षित और मजबूत माहौल बनाने की लगातार कोशिश करते रहना चाहिए। मन को अच्छी लगने वाली और मनोरंजन वाली बातचीत भी कई बार क्रिएटिव डिबेट को बढ़ावा देती है। माइक्रो-मैनेजमेंट करने के बजाय दूसरों को जिम्मेदारी देना भी शुरू कर सकते हैं।
लोगों को आगे लेकर आएं
अगर टीम के किसी सदस्य को ऐसा लगता है कि वो स्वाभाविक रूप से क्रिएटिव नहीं है तो उसकी यह धारणा ‘स्टिकी फ्लोर’ कहलाती है। यानी खुद को सीमित मानने वाली धारणा जो सफलता की राह में एक बड़ी बाधा बनती है। हर लीडर का एक फर्ज यह भी है कि वो इमोशनल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर ये पता लगाएं कि टीम के कौन से सदस्य जाने-अनजाने खुद को कमजोर मानते हैं और इस वजह से आगे नहीं आ पाते हैं।
मजबूत एग्जांपल पेश करें
जो लोग आगे बढ़ना चाहते हैं, उन्हें पूरी ईमानदारी अपने काम में रखनी चाहिए। अगर किसी चीज में असफल हो रहे हैं, तो आगे बढ़कर स्वीकार करें। लीडर को ऐसी मेंटालिटी रखने वाले लोगों को सामने लाना चाहिए। उनका उदाहरण पेश करना चाहिए। लीडर को टीम को समझाना चाहिए कि कैसे खुद पर भरोसा करना वो ज्यादा क्रिएटिव बन सकते हैं, गलतियों से सीख सकते हैं।
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