पार्किंसंस डिजीज (PD) एक बिगड़ती हुई दिमाग की बीमारी है। यह तब होता है जब दिमाग के भीतर न्यूरॉन्स जो डोपामाइन यानी कि अच्छा महसूस करने वाला हार्मोन को बढ़ाते हैं वह खराब होने लगते हैं। पार्किंसंस नर्वस सिस्टम को कमजोर बनाता है। ये बीमारी अक्सर नींद को खराब कर सकती है और दिमाग पर बुरा असर डालती है। पार्किंसंस रोग रातों-रात नहीं होता, बल्कि यह धीरे-धीरे शुरू होता है, लेकिन इसके कारण कई सारे नुकसान होते हैं। यही कारण है कि शुरुआती संकेतों पर ध्यान देना जरूरी है। आइए जानते हैं की इसे लेकर गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल में न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. अपूर्व शर्मा क्या कहते हैं?
क्या है पार्किंसंस डिजीज?
पार्किंसंस बीमारी धीरे-धीरे बढ़ता है और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करते हुए शरीर के बैलेंस को खराब करती है। इस बीमारी के दौरान एक खास केमिकल डोपामिन (Dopamine) बनाने वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं। डोपामिन शरीर की एक्टिविटी को सही तरीके कंट्रोल करने में मदद करता है। जब इसकी कमी हो जाती है तो शरीर की सामान्य गति और बैलेंस बिगड़ने लगता है।
ये भी पढ़ें- ये 3 लोग भूलकर भी न खाएं गर्मियों में तरबूज, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पार्किंसंस डिजीज के संकेत
कंपकंपी- आराम करते समय हाथ, उंगलियां, पैर या ठुड्डी में हल्की कंपन।
सुस्ती आना- चलने, बोलने या छोटे-छोटे काम करने में सुस्ती आना। ऐसा फील होता है कि शरीर स्लो हो गया हो।
मांसपेशियों में जकड़न- इस दौरान हाथ, पैर या पीठ में अकड़न होती है, जो चलने या हिलने-डुलने में रुकावट पैदा कर सकता है।
चेहरे पर भाव कम होना- चेहरा भावहीन और गंभीर या दिखने लगता है। पलकें कम झपकना भी एक संकेत है।
झुकी हुए पोज- खड़े होने पर शरीर झुका हुआ लगता है, जैसे कमर पर भार हो।
चलने में बदलाव- चलने का तरीका बदल जाता है जिस वजह से हम धीरे-धीरे चलने लगते हैं।
बोलने में बदलाव- आवाज धीमी, कांपती हुई या एक जैसी टोन में हो जाती है।
नींद का पैटर्न खराब होना- डिप्रेशन, चिंता, नींद न आना या बार-बार जागना भी पार्किंसंस डिजीज के शुरुआती संकेतों में हो सकते हैं।
बार-बार चक्कर आना या बेहोशी- खड़े होने पर अचानक चक्कर आना पीडी से जुड़ा संकेत हो सकता है।
कैसे करें बचाव?
डॉक्टर बताते हैं कि इसका पूरी तरह इलाज नहीं है, लेकिन दवाइयों, एक्सरसाइज, फिजियोथेरेपी और सही देखभाल से इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए आप एरोबिक एक्सरसाइज, वाकिंग, योगा और साइकलिंग कर सकते हैं। साथ ही हेल्दी फूड को अपनी डाइट में शामिल करें और दिमाग को एक्टिव बनाएं रखें।
ये भी पढ़ें- रोजाना खाली पेट कॉफी पीने की आदत कितनी खतरनाक? जानें फिटनेस कोच से
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है