Health Tips: हेल्दी रहने के लिए कई लोग अच्छे खाने के साथ-साथ सही समय पर खाना पसंद करते हैं, जो जरूरी भी होता है। ऐसा माना जाता है कि जब हम अपना खाना सही समय पर खाते हैं, तो हमारा शरीर उसे सही तरीके से पचा पाता है। हमारे शरीर का इंटरनल क्लॉक सही से काम करता है, जिसे सर्कैडियन रिदम के रूप में जाना जाता है, जो पूरे दिन कई तरह की प्रक्रियाओं को कंट्रोल करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है, सुबह उठते ही जो भी हम खाते हैं वह हमारे हार्मोन रिलीज और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं। ऐसे में अगर हम समय पर सही खाना नहीं खाते हैं, तो इससे हमारा शरीर प्रभावित होता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय हेल्थ डायरेक्टर वाल्टर लोगों बताते हैं कि दोपहर के भोजन को हल्का रखें नट्स या फलों का 100-कैलोरी वाला खाना अच्छा माना जाता है और समय पर खाएं। वे ये भी बताते हैं कि वे खुद दोपहर के भोजन में केवल ब्लैक कॉफी पीते हैं। इससे वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, खाने के बीच में उपवास के समय को बैलेंस बनाए रखने में मदद मिलती है और शरीर में एनर्जी की कमी भी दूर होती है। बहुत ज्यादा खाना खाने से इंसुलिन रिलीज और खाने के बाद मिलने वाली एनर्जी शरीर को नहीं मिलती है। इसके अलावा उन्हें ये बताया कि अगर आप 65 साल या उससे अधिक उम्र के हैं, तो दोपहर के खाने का समय भी फिक्स कर लें।
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खाने का सही समय क्यों जरूरी?
दोपहर खाने का समय जरूरी होता है, क्योंकि हमारा शरीर भोजन को पचाने और पोषक तत्वों का रही तरीके से उपयोग कर पाता है। जब हम एक्टिव होते हैं तो हमारा शरीर सही तरीके से काम कर पाता है। जब शरीर को आराम की जरूरत होती है, उस समय खाना खाने से डाइजेशन सिस्टम, मेटाबॉलिज्म और पूरे शरीर पर असर पड़ता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें की जब आप दोपहर का खाना खा रहे हैं, तो अपनी डाइट का समय 12 बजे से 2 बजे के बीच फिक्स कर लें।
इन बातों का रखें ध्यान
खाने का एक नियमित समय बनाए रखें- हर रोज 12 घंटे से कम समय तक खाने का समय फिक्स रखें। भोजन के समय में निरंतरता सर्कैडियन को ठीक रखने में मदद करती है
फ्रंट-लोड कैलोरी- अपनी डाइट में ज्यादा कैलोरी वाले खाने को शामिल न करें। शोध बताते हैं कि दिन के समय में ज्यादा भोजन करना हमारे नेचुरल बायोलॉजिकल रिदम के साथ बेहतर तालमेल बिठाता है, जिससे डाइजेशन और एनर्जी में सुधार होता है।
देर रात खाने से बचें- सोने से ठीक पहले या देर रात को खाना खाने से बचें। जब मेलाटोनिन का लेवल ज्यादा होता है, तो रात की नींद खराब हो सकती है। इसके अलावा आपका खाना भी सही से नहीं पचता है।
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